लाइव न्यूज़ :

आतंकवाद, युद्ध, मादक पदार्थों से मुक्त स्वतंत्र, लोकतांत्रिक देश हो अफगानिस्तान : एससीओ

By भाषा | Updated: September 17, 2021 21:48 IST

Open in App

दुशांबे, 17 सितंबर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान को आतंकवाद, युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त स्वतंत्र, लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण देश बनना चाहिए तथा युद्धग्रस्त देश में एक ‘‘समावेशी’’ सरकार का होना महत्वपूर्ण है जिसमें सभी जातीय, धार्मिक एवं राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि शामिल हों।

यहां संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी की गई एक संयुक्त घोषणा में एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं ने सभी तरह के आतंकवाद की भी कड़ी निंदा की।

एससीओ नेताओं ने उल्लेख किया कि एससीओ क्षेत्र में सुरक्षा एवं स्थिरता का संरक्षण एवं मजबूती के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारकों में से एक यह है कि अफगानिस्तान में स्थिति का जल्द समाधान हो। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ‘‘एक स्वतंत्र, तटस्थ, एकीकृत, लोकातांत्रिक एवं शांतिपूर्ण देश के रूप में उभरना चाहिए जो आतंकवाद, युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त हो।’’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद से संबंधित काली सूची में शामिल विद्रोही संगठन के कम से कम 14 नेताओं के अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार में शामिल होने के संदर्भ में संयुक्त घोषणा में कहा गया, ‘‘सदस्य देशों का मानना है कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार का होना महत्वपूर्ण है जिसमें सभी जातीय, धार्मिक एवं राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि शामिल हों।’’

अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान पर कब्जा करनेवाले तालिबान ने अफगानिस्तान के जटिल जातीय ढांचे का प्रतिनिधित्व करनेवाली ‘‘समावेशी’’ सरकार बनाने का वादा किया था, लेकिन उसकी अंतरिम सरकार में न तो हजारा समुदाय का कोई प्रतिनिधि शामिल है और न ही किसी महिला को शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम से दिखा है कि क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौतियों के मूल में कट्टरपंथी विचारधारा ही है।

ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में हुए सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सूफीवाद और मध्य एशिया की सांस्कृतिक विरासत के बारे में बात की और कहा कि एससीओ को क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत के आधार पर कट्टरपंथ एवं चरमपंथ से लड़ने के लिए एक साझा ढांचा विकसित करना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारयूपी में पीएम फसल बीमा योजना में हुआ करोड़ों का घोटाला?, खेत मालिक को पता नहीं, पर राशि हड़पी

क्रिकेटIPL Auction 2026: बेस प्राइस 30 लाख और बिके 14.20 करोड़, कौन हैं कार्तिक शर्मा और प्रशांत वीर?

भारतहैदराबाद का रहने वाला था बोंडी बीच शूटर साजिद अकरम, उसका बेटा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक, तेलंगाना पुलिस ने की पुष्टि

भारतभाजपा को मां के समान मानते?, बिहार प्रमुख संजय सरावगी बोले-आगे बढ़ाने की दिशा में ईमानदारी से काम करेंगे

क्रिकेटIPL Auction 2026: सभी 10 टीमों के सोल्ड, अनसोल्ड और रिटेन किए गए खिलाड़ियों की पूरी लिस्ट देखें

विश्व अधिक खबरें

विश्वखुद ड्राइव कर प्रधानमंत्री मोदी को जॉर्डन संग्रहालय ले गए प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय, वीडियो

विश्वMexico: प्राइवेट प्लेन दुर्घटनाग्रस्त, 7 लोगों की मौत; लैंडिंग की कोशिश के समय हादसा

विश्वऑस्ट्रेलियाई सरकार ने चेतावनियों की अनदेखी की !

विश्वChile New President: 35 वर्षों के बाद दक्षिणपंथी सरकार?, जोस एंतोनियो कास्ट ने कम्युनिस्ट उम्मीदवार जेनेट जारा को हराया

विश्वसिडनी बॉन्डी बीच हनुक्का उत्सवः पिता-पुत्र ने 15 लोगों की ली जान, मृतकों की उम्र 10 से 87 वर्ष के बीच, 50 वर्षीय हमलावर पिता ढेर और 24 वर्षीय बेटा घायल