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तालिबान की धमक के साथ काबुल एयरपोर्ट पर प्लेन पकड़ने के लिए मारामारी, अमेरिकी सेना ने की हवाई फायरिंग

By विनीत कुमार | Updated: August 16, 2021 12:10 IST

तालिबान के आने के साथ अफगानिस्तान में हालात तेजी से खराब होते जा रहे हैं। खासकर काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल है और कई लोग देश छोड़ने की कोशिश में जुटे हैं।

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ठळक मुद्देकाबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोगों की भीड़, कई परेशान करने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आए।अमेरिकी सेना की ओर से काबुल एयरपोर्ट पर हवाई फायरिंग किए जाने की भी खबरें आई हैं।अमेरिका ने इस बीच 6000 सैनिकों को काबुल एयरपोर्ट पर तैनात करने का फैसला लिया है।

काबुल: अफगानिस्तान पर तालिबान के लगभग पूरी तरह के कब्जा किए जाने के बाद दुनिया को परेशान करने वाली कई तस्वीरें आ रही हैं। काबुल एयरपोर्ट पर हालात बेहद अफरातफरी भरा है। हजारों लोग अफगानिस्तान छोड़ दूसरे पड़ोसी देशों में ठिकाना खोजने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर काफी भीड़भाड़ है।

न्यूज एजेंसी एएफपी की अनुसार हालात को बिगड़ते देख काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना ने हवाई फायरिंग भी की है और लोगों को काबू में रखने की कोशिश हो रही है। काबुल में तालिबान के प्रवेश के बावजूद अभी एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं और अपने नागरिकों सहित कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर दूसरे लोगों को निकालने की कोशिश हो रही है।

इन सबके बीच एक वीडियो काबुल एयरपोर्ट से सामने आया है। इसमें एक हवाई जहाज पर चढ़ने के लिए हजारों लोग कोशिश करते नजर आ रहे हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और काबुल के हालात को बता रहा है। कई और वीडियो भी सामने आए हैं। अफगानिस्तान के स्थानीय पत्रकारों के हवाले से ये वीडियो दुनिया के सामने आ रहे हैं।

काबुल हवाई अड्डे पर 6000 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती

इस बीच अमेरिका ने कहा है कि अपने नागरिकों, अपने मित्रों और सहयोगियों की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी के लिए वह काबुल हवाईअड्डे पर 6,000 सैनिकों को तैनात करेगा। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने महत्वपूर्ण सहयोगी देशों के अपने समकक्षों से बात की। हालांकि इनमें भारत शामिल नहीं था। 

अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं। 

वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अमेरिकी दूतावास के कर्मियों को सुरक्षित निकालने का काम पूरा हो चुका है। 

गौरतलब है कि तालिबान के लड़ाके 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश कर गए थ। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने की भी खबरें आई हैं। सामने आए कुछ वीडियो में तालिबान के लड़ाकों को राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करते हुए देखा गया है।

टॅग्स :अफगानिस्तानतालिबानअमेरिका
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