अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से तीन जिले कराए गए मुक्त, मीडिया रिपोर्ट में दावा
By विनीत कुमार | Updated: August 20, 2021 22:24 IST2021-08-20T22:13:57+5:302021-08-20T22:24:49+5:30
तालिबान के कब्जे वाले तीन जिलों को उसका विरोध कर रहे बलों द्वारा मुक्त कराए जाने की खबर है। ये तीनों जिले बाघलान प्रांत में हैं।

तालिबान के कब्जे से तीन जिलों को मुक्त कराया गया: रिपोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)
काबुल: अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर तालिबान के कब्जे के बीच बगावत और विरोध भी जारी है। इस बीच रिपोर्ट्स के अनुसार तालिबान के कब्जे से तीन जिले मुक्त करा लिए गए हैं। तालिबान की ओर से इन संबंध में कोई प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के खिलाफत कर रहे बलों ने पोल-ए-हसर, देह सलाह और बानु जिले को मुक्त कराया है। ये तीनों जिले बाघलान प्रांत में हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार कई तालिबानी भी इस इलाके में मारे गए हैं।
#Breaking
— Aśvaka - آسواکا News Agency (@AsvakaNews) August 20, 2021
Pol-e-Hesar, Deh Salah and Banu districts in #Baghlan provinces have been captured by the Public’s Resistance Forces, & a number of Taliban killed & injured.
Local reporters from Baghlan pic.twitter.com/tW1ENliWOK
इस संबंध में कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। बताया जा रहा है कि ये तस्वीरें तालिबान के खिलाफ लड़ रहे सैन्य बलों की ओर से जारी किए गए हैं। इस बीच तलिबान के खिलाफ जंग की अगुवाई कर रहे अहमद मसूद ने कहा है कि उनके साथ पंजशीर में हजारों लड़ाके हैं जो तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं।
गौरतलब है कि पंजशीर अफगानिस्तान का प्रांत है जहां तालिबान का कब्जा नहीं हो सका है। रिपोर्ट्स के अनुसार अफगानिस्तान का खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर चुके अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर में हैं और तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। वे लगातार तालिबान के खिलाफ रणनीति पर काम कर रहे हैं और कई पूर्व सैनिकों, पुलिस और अन्य लोगों से मुलाकात कर चुके हैं।
तालिबान मान्यता हासिल करने की कोशिश में जुटा
दूसरी ओर तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश और विदेश में उसके खिलाफ बढ़ती नाराजगी के बीच उसे मान्यता देने की अपील की है। साथ ही तालिबान ने चीन को खुश करने की कोशिश में कहा कि चीन युद्ध से तबाह देश में उसके शासन के तहत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘अफगान लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए’’ और आधिकारिक तौर पर उनके समूह को मान्यता देनी चाहिए जिसने काबुल में सत्ता संभाली है।
शरीया कानून लागू करने की योजना के तहत तालिबान द्वारा महिलाओं की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की बढ़ती चिंताओं को खारिज करते हुए शाहीन ने चीन के सरकारी ‘सीजीटीएन टीवी’ से कहा कि काबुल में नई तालिबान सरकार महिलाओं के शिक्षा और कामकाज के अधिकारों की रक्षा करेगी।