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अफगानिस्तान: काबुल में गुरुद्वारे पर हमला, 11 लोगों की मौत, हरदीप सिंह पुरी ने की कड़ी निंदा

By मनाली रस्तोगी | Updated: March 25, 2020 15:12 IST

अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर यह अब तक के सबसे भयावह हमलों में से एक है। तालिबान के प्रवक्ता जुबिहुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट कर कहा कि हमले में तालिबान का हाथ नहीं है।

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ठळक मुद्देअफगानिस्तान के काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुआ हमला, 11 की मौतबुधवार सुबह करीब पौने आठ बजे शोर बाजार इलाके में स्थित गुरद्वारे पर हुआ हमला

काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में एक गुरुद्वारे पर बुधवार को हुए हमले में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 11 लोग घायल हुए। यह गुरुद्वारा शहर के पुराने इलाके में स्थित है।

अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर यह अब तक के सबसे भयावह हमलों में से एक है। तालिबान के प्रवक्ता जुबिहुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट कर कहा कि हमले में तालिबान का हाथ नहीं है। उधर इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह ने हमला करने का दावा किया है।

उसने कहा कि आईएस लड़ाके गुरुद्वारे पर इस समय भी हमले को अंजाम दे रहे हैं। बंदूकधारी हमलावरों ने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब पौने आठ बजे शोर बाजार इलाके में स्थित गुरद्वारे पर हमला किया। उस समय वहां 150 श्रद्धालु थे।

इस हमले के बाद अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा, 'पुलिस ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है। वह घटनास्थल पर पहुंच चुकी है, लेकिन गोलीबारी अभी जारी है।'

इस हमले को लेकर अफगान सांसद नरिंदर सिंह खालसा ने बताया, 'गुरुद्वारे के भीतर मौजूद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और हमले के बारे में बताया जिसके बाद वह मदद करने के लिए वहां गए।' उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए ये भी कहा, 'हमले के वक्त गुरुद्वारे के भीतर करीब 150 लोग थे और हमले में कम से कम चार लोगों की मौत हुई है। पुलिस हमलावरों को वहां से बाहर निकालने का प्रयास कर रही है।' 

वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब अफगानिस्तान में इस तरह से किसी अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला किया गया हो। इस महीने के शुरुआत में ही इस्लामिक स्टेट से संबद्ध एक संगठन ने काबुल में अल्पसंख्यक शिया मुस्लिमों के एक धार्मिक समागम पर हमला किया था जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी। 

टोलो न्यूज ने एक सुरक्षा स्रोत ने कहा, 'काबुल के पीडी1 में सिख धर्मस्थल धर्मशाला में हमले में कम से कम 11 लोग मारे गये और 11 अन्य घायल हो गये।' उसने ये भी कहा,'इन हमलावरों की अब भी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ चल रही है। एक को गोली मार दी गयी है। धर्मशाला पर हमले में कार्रवाई में विदेशी सैनिक भी शामिल हैं।' उधर, काबुल पुलिस ने कहा कि गुरुद्वारे से कम से कम 11 बच्चों को सुरक्षित निकाला गया है।

सिख समुदाय पर पहले भी हुए हमले

अफगानिस्तान में सिख समुदाय पहले भी ऐसे हमले झेलते आए हैं। हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में यहां के सिखों और हिंदुओं ने भारत में शरण ली है। जुलाई 2018 में इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमलावर ने हिंदुओं और सिखों के काफिले को निशाना बनाकर हमला किया था जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी।

हरदीप सिंह पुरी ने किया ट्वीट

अफगानिस्तान के काबुल में स्थित गुरुद्वारे पर हुए इस हमले को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'काबुल में एक गुरुद्वारा साहिब पर आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। ये हत्याएं अत्याचारों की एक गंभीर याद दिलाती हैं कि कुछ देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है। यहां उनके (सिख समुदाय) जीवन और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की जानी है।'

टॅग्स :अफगानिस्तानसिखआईएसआईएस
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