अफगानी झंडा को लेकर प्रदर्शन, तालिबान ने चलाई गोली, तीन की मौत, छह घायल, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 18, 2021 21:24 IST2021-08-18T21:23:25+5:302021-08-18T21:24:41+5:30
लोगों ने तालिबान के झंडे को उतार दिया। तालिबान ने अपने कब्जा वाले क्षेत्रों में अपने झंडे लगा दिए हैं।

दर्जनों लोग राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए एकत्र हुए।
काबुलः अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले पूर्वी शहर जलालाबाद में दर्जनों लोग राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए एकत्र हुए। 1919 में उसी दिन ब्रिटिश शासन का अंत हुआ था। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज के समर्थन में नंगेरहार लालपुरा जिले में विरोध प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में तीन लोगों की मौत हुई है।
लोगों ने तालिबान के झंडे को उतार दिया। तालिबान ने अपने कब्जा वाले क्षेत्रों में अपने झंडे लगा दिए हैं। वीडियो फुटेज में तालिबान लड़ाकों को हवा में गोलियां चलाते हुए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए डंडे बरसाते हुए देखा जा सकता है।
Protest in support of Afghanistan’s national flag in Nangerhar Lalpura district.#Afghanistanpic.twitter.com/bXYEMF5pAv
— Hassan Nasir 🇦🇫 (@Hassan_Nasirr) August 18, 2021
पूर्वी शहर जलालाबाद में बुधवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान की हिंसक कार्रवाई में कम से कम तीन व्यक्ति की मौत हो गई। इस बीच तालिबान ने पश्चिम समर्थित सरकार के अफगान अधिकारियों से मुलाकात की जिसे उसने अपदस्थ किया है।
एक स्थानीय समाचार एजेंसी के रिपोर्टर बबरक अमीरज़ादा ने कहा कि उन्हें और एक अन्य एजेंसी के टीवी कैमरामैन के साथ तालिबान ने मारपीट की क्योंकि उन्होंने इस घटना को कवर करने की कोशिश की थी। एक स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जलालाबाद में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान की हिंसक कार्रवाई में कम से कम तीन व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए।
Nangarhar - Hundreds of people raised “Afghanistan’s Flag” urging the Taliban to respect and not change it. pic.twitter.com/U0PBTvy4mS
— Muslim Shirzad (@MuslimShirzad) August 18, 2021
स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी, क्योंकि वह मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इस बीच, काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी के वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि वहां संभावित विपक्षी हस्तियों ने बैठक की। वह क्षेत्र नदर्न एलायंस लड़ाकों का गढ़ है जिसने 2001 में तालिबान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया था।
यह एकमात्र प्रांत है जो अभी तक तालिबान के नियंत्रण से दूर है। वहां मौजूद लोगों में अपदस्थ सरकार के सदस्य भी शामिल थे। उनमें उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी थे जिन्होंने ट्विटर पर दावा किया कि वह देश के राष्ट्रपति हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या उनकी योजना तालिबान को चुनौती देने की है।
अफगान महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तालिबान से अपील
अमेरिकी विदेश विभाग ने अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को लेकर चिंता जताते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया है जिस पर करीब दो दर्जन देशों के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ लोगों से ‘उनकी सुरक्षा की गारंटी" देने का आग्रह किया गया है। बुधवार को जारी किए गए इस बयान पर अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और 18 अन्य देशों ने हस्ताक्षर किए हैं।
इसमें कहा गया है कि तालिबान द्वारा नियंत्रण किए जाने के मद्देनजर बयान पर हस्ताक्षर करने वाले देश अफगान महिलाओं के "शिक्षा, काम और आवाजाही की स्वतंत्रता के अधिकारों" के बारे में "काफी चिंतित" हैं। बयान में कहा गया है कि अफगान महिलाओं और लड़कियों के साथ ही सभी अफगान नागरिक सुरक्षा और सम्मान के साथ जीवन जीने के हकदार हैं।
इसमें कहा गया है, "किसी भी प्रकार के भेदभाव और दुर्व्यवहार पर रोक लगनी चाहिए। हम, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, मानवीय सहायता के साथ उनकी सहायता और समर्थन के लिए तैयार हैं...।’’ बयान में आगे कहा गया है कि दुनिया इस बात की बारीकी से निगरानी करेगी कि कोई भी भविष्य की सरकार उन अधिकारों और स्वतंत्रता को कैसे सुनिश्चित करती है जो पिछले 20 वर्षों के दौरान अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए हैं।