लाइव न्यूज़ :

अफगानिस्तान में लड़कियां अपने पिता की पुरानी कार के पुर्जों से वेंटिलेटर बनाने में जुटीं

By भाषा | Updated: April 19, 2020 14:40 IST

अफगानिस्तानः रोबोटिक्स टीम की सदस्य कहती हैं कि वे जीवन बचाने के मिशन पर हैं और पुरानी कार के पुर्जों से वेंटिलेटर बनाने की कोशिश कर रही हैं ताकि वायरस से लड़ने के लिए संघर्ष ग्रस्त देश की मदद कर सकें।

Open in App
ठळक मुद्देअफगानिस्तान में पुरस्कृत की गई लड़कियों की रोबोटिक्स टीम अपने पिता के कार के पुर्जों से वेंटिलेटर बनाने के प्रयास में जुटी हुई है। वे हर सुबह उठकर अपने पिता की गाड़ी के पुर्जे इकठ्ठे कर मेकेनिक की कार्यशाला में चली जाती हैं।

काबुलः अफगानिस्तान में पुरस्कृत की गई लड़कियों की रोबोटिक्स टीम अपने पिता के कार के पुर्जों से वेंटिलेटर बनाने के प्रयास में जुटी हुई है। वे हर सुबह उठकर अपने पिता की गाड़ी के पुर्जे इकठ्ठे कर मेकेनिक की कार्यशाला में चली जाती हैं। देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक हेरात शहर में लॉकडाउन को लागू करने के लिए स्थापित पुलिस चौकियों से बचने के लिए पीछे के रास्तों से छिपते-छिपाते हुए ये लड़कियां कार्यशाला पहुंचती हैं।

रोबोटिक्स टीम की सदस्य कहती हैं कि वे जीवन बचाने के मिशन पर हैं और पुरानी कार के पुर्जों से वेंटिलेटर बनाने की कोशिश कर रही हैं ताकि वायरस से लड़ने के लिए संघर्ष ग्रस्त देश की मदद कर सकें। इस टीम की सदस्य सोमाया फारुकी (17) ने कहा, “अगर हम अपने उपकरण से एक भी जान बचा पाएं तो हमें गर्व होगा।”

रूढ़िवादी अफगानिस्तान में उनका यह कार्य काफी उल्लेखनीय है। महज एक पीढ़ी पहले, तालिबान के शासन के दौरान लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी। फारुकी की मां को तीसरी कक्षा के बाद स्कूल नहीं जाने दिया गया था। अफगानिस्तान में 2001 में अमेरिकी आक्रमण के बाद लड़कियां स्कूल लौटने लगीं लेकिन बराबर का अधिकार पाना चुनौती बना रहा।फारुकी लेकिन अपने संकल्प पर अडिग है। वह कहती है, “हम नयी पीढ़ी हैं। हम लोगों के लिए लड़ते और काम करते हैं। लड़की हो या लड़का कोई फर्क नहीं पड़ता।” अफगानिस्तान इस वैश्विक महामारी का सामना लगभग बिना किसी संसाधन के कर रहा है।एमआईटी की प्रोफेसर डेनियला रस ने प्रारूप विकसित करने की टीम की पहल का स्वागत किया है। टीम की स्थापना करने वाली और लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए चंदा जुटाने वाली प्रौद्योगिकी उद्यमी रोया महबूब ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फारुकी की टीम मई और जून तक प्रारूप विकसित कर लेगी।

टॅग्स :कोरोना वायरसअफगानिस्तान
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वUS: ट्रंप ने अफगान वीजा किया रद्द, अब अमेरिका नहीं आ सकेंगे अफगान नागरिक, व्हाइट हाउस फायरिंग के बाद एक्शन

विश्वकौन हैं रहमानुल्लाह लकनवाल? जिसने नेशनल गार्ड पर चलाई गोलियां, अफगान से है कनेक्शन

विश्वUS: व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी, आरोपी निकला अफगानी शख्स, ट्रंप ने आतंकवादी कृत्य बताया

विश्व10 अफ़गानी मारे गए, जवाबी कार्रवाई की चेतावनी: पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान के बीच फिर से बढ़ा तनाव

क्रिकेटHong Kong Sixes 2025: नेपाल के तेज़ गेंदबाज़ राशिद खान ने अफगानिस्तान के खिलाफ ली हैट्रिक, दोहरा रिकॉर्ड बनाकर रचा इतिहास VIDEO

विश्व अधिक खबरें

विश्वChile New President: 35 वर्षों के बाद दक्षिणपंथी सरकार?, जोस एंतोनियो कास्ट ने कम्युनिस्ट उम्मीदवार जेनेट जारा को हराया

विश्वसिडनी बॉन्डी बीच हनुक्का उत्सवः पिता-पुत्र ने 15 लोगों की ली जान, मृतकों की उम्र 10 से 87 वर्ष के बीच, 50 वर्षीय हमलावर पिता ढेर और 24 वर्षीय बेटा घायल

विश्वभारत ही नहीं दुनिया भर में कई देश परेशान?, दक्षिण अफ्रीका ने फर्जी वीजा के साथ देश में आए 16 बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित किया

विश्वSydney Mass Shooting Video: हिम्मत वाले राहगीर ने हमलावरों में से एक को पकड़ा, गोलीबारी के बीच उसे निहत्था किया

विश्वSouth Africa: 4 मंजिला मंदिर के ढहने से हादसा, एक भारतीय समेत चार की मौत