नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार रात अबू धाबी में संभावित घातक मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (एमईआरएस-सीओवी) के एक मामले की पुष्टि की। संयुक्त राष्ट्र निकाय के अनुसार, पिछले महीने अल ऐन शहर में एक अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद एक 28 वर्षीय व्यक्ति में वायरस की पुष्टि हुई थी।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने 108 लोगों की जांच की है जिनके साथ वह आदमी संपर्क में था, लेकिन अब तक कोई माध्यमिक संक्रमण सामने नहीं आया है। संक्रमित शख्स की मौजूदा स्थिति का अभी पता नहीं चल पाया है। इस बीच इस बात के भी कोई संकेत नहीं मिले कि वह व्यक्ति ड्रोमेडरी ऊंटों के संपर्क में आया था जिससे यह बीमारी फैली थी।
MERS-CoV क्या है?
-मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV) की पहचान पहली बार 2012 में सऊदी अरब में हुई थी।
-इसका पता चलने के बाद से 27 देशों में एमईआरएस के मामले सामने आए हैं, जिनमें अल्जीरिया, ऑस्ट्रिया, बहरीन, चीन, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इस्लामिक गणराज्य ईरान, इटली, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, मलेशिया, नीदरलैंड, ओमान, फिलीपींस, कतर, कोरिया गणराज्य, सऊदी अरब साम्राज्य, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन शामिल हैं।
-WHO के अनुसार, अब तक वायरस के कुल 2,605 मामले सामने आए हैं, जिनमें 936 मौतें हुई हैं।
-एमईआरएस एक जूटोनिक वायरस है जो जानवरों और लोगों के बीच संचारित हो सकता है। डब्ल्यूएचओ की जानकारी के मुताबिक, सऊदी अरब में लोग ज्यादातर संक्रमित ड्रोमेडरी ऊंटों के असुरक्षित संपर्क से संक्रमित हुए हैं।
-वायरस के लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल है और कुछ मामलों में निमोनिया हो सकता है।