48 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म बीजाणु बताते हैं कि कैसे प्राचीन पौधे भूमि पर फैले

By भाषा | Updated: August 13, 2021 14:25 IST2021-08-13T14:25:20+5:302021-08-13T14:25:20+5:30

48 million-year-old fossil spores reveal how ancient plants spread on land | 48 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म बीजाणु बताते हैं कि कैसे प्राचीन पौधे भूमि पर फैले

48 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म बीजाणु बताते हैं कि कैसे प्राचीन पौधे भूमि पर फैले

(क्लिंटन फॉस्टर, ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी)

मेलबर्न, 13 अगस्त (द कन्वरसेशन) मीठे पानी के शैवालों से विकसित होकर 50 करोड़ से भी ज्यादा वर्ष पहले पौधे जब पहली बार भूमि पर दिखे थे तो उन्होंने समूची धरती का रंग-रूप पूरी तरह बदल दिया। हवा से कार्बन डायऑक्साइड लेकर उन्होंने धरती को शीतल किया और चट्टानी सतहों को नष्ट कर मिट्टी का निर्माण किया जो अब पूरी भूमि के ज्यादातर हिस्से को ढक कर रखती है।

ग्रह के वायुमंडल और जमीनी सतह में हुए इन परिवर्तनों ने जीवमंडल के विकास का मार्ग प्रशस्त किया जो हम जानते हैं। भूमि के पौधे पृथ्वी के बायोमास का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं।

शुरुआती पौधे छोटे और काई जैसे थे, और उन्हें जमीन पर जीवित रहने के लिए दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा: सूखने से बचना, और सूर्य की कठोर पराबैंगनी प्रकाश से बचना।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में कैनिंग बेसिन से चट्टानों के नमूनों में, हमने शुरुआती जमीनी पौधों के साथ ही प्राचीन जल शैवालों से बीजाणु और 48 करोड़ साल पुराने जीवाश्म बीजाणुओं की खोज की।

ये अब तक पाए गए सबसे पुराने जमीनी पौधे के बीजाणु हैं, और ये हमें इस बारे में नए सुराग देते हैं कि पौधे कब और कहां भूमि पर पहुंचे और यह भी कि वे कैसे जीवित रहने में कामयाब रहे।

यह अनुसंधान ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

जब पौधों ने जमीन पर कॉलोनियां बना लीं

पौधों द्वारा भूमि पर कॉलोनियां बनाने के प्रारंभिक समय के अनुमान बड़े जीवाश्म पौधों के अवशेषों पर आधारित होते हैं, इस गणना पर कि विभिन्न प्रजातियों को विकसित होने में कितना समय लगा (जिसे "आणविक घड़ी" आंकड़ा कहा जाता है) और पौधों के बीजाणुओं का रिकॉर्ड पर भी।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि जमीन पर पौधों का आना 51.5 करोड़ साल पहले हुआ था जबकि प्राचीनतम पौधे के तने के जीवाश्म 43 करोड़ वर्ष पहले मिले थे।

इन शुरुआती छोटे पौधों में जड़ प्रणाली या कठोर लकड़ी के ऊतक नहीं थे, जो बता सकते हैं कि उनके जीवाश्म अवशेष दुर्लभ क्यों हैं।

वैकल्पिक रूप से, हम पौधों के बीजाणुओं को देख सकते हैं। बीजाणु सरल प्रजनन इकाइयां हैं जिनमें आनुवंशिक सामग्री होती है (बीज की तुलना में बहुत सरल, जो बहुत बाद तक विकसित नहीं हुए थे)।

सफल प्रजनन के लिए, भूमि पौधों की बीजाणु भित्तियों को सूखने और पराबैंगनी विकिरण से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए पर्याप्त मजबूत होना चाहिए।

ये लचीली बीजाणु भित्तियां भी हैं जिसने प्राचीन तलछट में बीजाणुओं को सैकड़ों लाखों वर्षों तक संरक्षित रखने में और इस अध्ययन में उपयोग किए गए मजबूत अमलों का उपयोग करके उन तलछटों से निकाले जाने में मदद की है।

जमीन के पौधों की शुरुआत कैसे हुई?

हमारी खोज कैनिंग बेसिन में जमीनी पौधों के बीजाणुओं के पहले के अध्ययनों के बाद की है। 1991 में लगभग 44-44.5 करोड़ वर्ष पहले के बीजाणु पाए गए थे, और 2016 में 46 करोड़ वर्ष पहले के बीजाणु पाए गए थे।

पत्थरों के अनुक्रमों की आयु निर्धारित करने के प्रयासों में लगभग 100 प्रमुख नमूनों के तत्वों की जांच के बाद ही वे दो रिकॉर्ड पाए गए, जिससे पता चलता है कि बीजाणु दुर्लभ हैं।

प्रारंभिक जमीनी पौधे, अपने कैरोफाइट शैवाल पूर्वजों की तरह, समुद्र के किनारे पर मीठे पानी में विकसित हुए।

बीजाणु और तलछट इन क्षेत्रों में समुद्रों द्वारा बहाकर लाए गए। इसलिए जो जीवाश्म रिकॉर्ड हमे मिले हैं, वे प्राचीन विश्व के भूगोल पर निर्भर हैं।

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Web Title: 48 million-year-old fossil spores reveal how ancient plants spread on land

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