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इस देश में हैं 40 लाख आवारा कुत्ते, सरकार हुई परेशान, खतरनाक कुत्तों को मारा जाएगा, संसदीय समिति ने विधेयक को मंजूरी दी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 24, 2024 21:26 IST

तुर्किये की एक संसदीय समिति ने देश में आवारा कुत्तों की बड़ी आबादी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस कदम से पशु अधिकार समर्थकों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें डर है कि कई कुत्तों को मार दिया जाएगा या उन्हें उपेक्षित और भीड़भाड़ वाले आश्रय स्थलों में पहुंचा दिया जाएगा।

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ठळक मुद्देतुर्किये में हैं 40 लाख आवारा कुत्तेसरकार हुई परेशान, खतरनाक कुत्तों को मारा जाएगासंसदीय समिति ने विधेयक को मंजूरी दी

नई दिल्ली: तुर्किये की एक संसदीय समिति ने देश में आवारा कुत्तों की बड़ी आबादी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस कदम से पशु अधिकार समर्थकों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें डर है कि कई कुत्तों को मार दिया जाएगा या उन्हें उपेक्षित और भीड़भाड़ वाले आश्रय स्थलों में पहुंचा दिया जाएगा। मंगलवार देर रात मंजूर इस विधेयक ने पशु अधिकार समूहों और आवारा कुत्तों से मुक्त सुरक्षित सड़कों के पक्षधरों के बीच टकराव को जन्म दिया है। 

अब इस विधेयक को अंतिम मतदान के लिए संसद में प्रस्तुत किया जाना है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि संसद के ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले इस पर विचार किया जाएगा या नहीं। राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की सत्तारूढ़ पार्टी ने विधेयक का प्रस्ताव रखा है। अनुमान है कि तुर्किये में लगभग 40 लाख आवारा कुत्ते हैं। हालांकि इनमें से कई कुत्ते नुकसान पहुंचाने वाले नहीं हैं, लेकिन झुंड में इनके लोगों पर हमलों की संख्या में वृद्धि हुई हैं। प्रस्तावित कानून के अनुसार नगर पालिकाओं को आवारा कुत्तों को इकट्ठा करके उन्हें आश्रय स्थलों में रखना होगा, जहां उनकी नसबंदी की जाएगी। जो कुत्ते गंभीर रूप से बीमार हैं, मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं या आक्रामक हैं, उन्हें मार दिया जाएगा। 

नगर पालिकाओं को 2028 तक कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने या मौजूदा आश्रय स्थलों की स्थिति में सुधार करने की भी आवश्यकता होगी। आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहने वाले महापौरों को छह महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, अपने पालतू जानवरों को बेसहारा छोड़ने वाले लोगों पर लगाया जाने वाला जुर्माना 2,000 लीरा (60 अमेरिकी डॉलर) से बढ़ाकर 60,000 लीरा (1,800 अमेरिकी डॉलर) कर दिया जाएगा। 

कार्यवाही के दौरान विधेयक में संशोधन किया गया था ताकि कुत्तों को मारने की शर्तों को सीमित किया जा सके, लेकिन पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को चिंता है कि कुछ नगर पालिकाएं कुत्तों को आश्रय देने के लिए संसाधन आवंटित करने के बजाय, उन्हें बीमार होने के बहाने मार सकती हैं। मार्च में स्थानीय चुनावों में प्रमुख नगरपालिकाओं में जीत हासिल करने वाले मुख्य विपक्षी दल का कहना है कि इस विधेयक का इस्तेमाल एर्दोआन की सरकार विपक्षी महापौरों को निशाना बनाने के लिए करेगी। पार्टी का यह भी कहना है कि कानून में आश्रयों के लिए धन मुहैया कराने का प्रावधान नहीं है। 

(इनपुट- भाषा)

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