April Fool's Day 2020: 1 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है मूर्ख दिवस, जानिए इसके पीछे के कारण

By मनाली रस्तोगी | Published: April 1, 2020 06:14 AM2020-04-01T06:14:32+5:302020-04-01T06:14:32+5:30

पूरा विश्व 1 अप्रैल को हर साल अप्रैल फूल्स डे (April Fool's Day) मनाता है। हालांकि, कई लोग इससे अनजान हैं कि आखिर अप्रैल की पहली तारीख को ही मूर्खता दिवस क्यों मनाया जाता है?

Why Is April Fool's Day celebrated on First April Every Year | April Fool's Day 2020: 1 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है मूर्ख दिवस, जानिए इसके पीछे के कारण

खास वजह से पूरे विश्व में मनाया जाता है अप्रैल फूल्स डे!

Highlights1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाता है, जिसे दुनियाभर में इस दिन को मूर्ख दिवस कहते हैं।कुछ देशों में 1 अप्रैल को छुट्टी होती है। लेकिन भारत सहित कुछ देशों में अप्रैल फूल के दिन कोई छुट्टी नहीं होती है।

नई दिल्ली: हर साल 1 अप्रैल को दुनिया के हर कोने में अप्रैल फूल्स डे (April Fool's Day) मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को किसी न किसी बात को लेकर मुर्ख बनाते हैं और उन्हें मूर्ख बनते देख खुश होते हैं। मगर कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है कि आखिर 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है। अगर आप भी इस लिस्ट में शामिल हैं तो आप भी जान लीजिए कि अप्रैल की पहली तारीख को मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कब व कहां से हुई।

पूरे विश्व में अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। यही नहीं, कई देशों में तो इस दिन छुट्टी होती है। हालांकि, भारत उन देशों में से है, जहां 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे की वजह से छुट्टी नहीं होती है, लेकिन इस दिन हर कोई एक-दूसरे से मजाक जरुर करता है। सबसे खास बात ये है कि इस दिन मजाक करने पर कोई किसी की बात का बुरा नहीं मानता है।  

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, हर देश में मूर्ख दिवस या अप्रैल फूल डे अलग तरीके से मनाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन कुछ ऐसे देशों में शुमार हैं, जहां केवल दोपहर तक ही अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। इसके पीछे का कारण ये है कि यहां न्यूज़पेपर केवल सुबह के अंक में मुख्य पेज पर अप्रैल फूल डे से जुड़े विचार रखते हैं। मगर इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, फ्रांस, आयरलैंड, ब्राजील, कनाडा, रूस, नीदरलैंड, जर्मनी और अमेरिका में 1 अप्रैल को पूरे दिन मजाक चलता है।

ऐसे हुई थी अप्रैल फूल्स डे की शुरुआत

वैसे तो अप्रैल फूल्स डे को लेकर कई कहानियां प्रचलन में हैं। हालांकि, दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है कि साल 1582 में इसकी शुरुआत फ्रांस से हुई, जब पुराने कैलेंडर की जगह पोप चार्ल्स IX ने नया रोमन कैलेंडर शुरू किया। माना जाता है कि कुछ लोग इस दौरान पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते रहे और उन्हें ही अप्रैल फूल्स कहा गया और उनका मजाक बनाया गया। मगर कई जगह ये भी कहा जाता है कि साल 1392 में इसकी शुरुआत हुई थी। 

वैसे अगर इतिहास में नजर डालें तो 1 अप्रैल को कई सारी मजेदार घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसके कारण 1 अप्रैल को अप्रैल फूल-डे के तौर पर मनाया जाने लगा। दरअसल, लेखक कैंटरबरी टेल्स (1392) ने अपनी एक कहानी 'नन की प्रीस्ट की कहानी' में 30 मार्च और 2 दिन का उल्लेख किया था, जोकि प्रिंटिंग में गलती होने की वजह से 32 मार्च छपकर सामने आया, जो असल में 1 अप्रैल का दिन था। चॉसर की इसी कहानी में अहंकारी मुर्गे शॉन्टेक्लीर को एक लोमड़ी द्वारा चालाकी से फंसा लिया जाता है।

साल 1508 में एक फ्रांसीसी कवि ने एक प्वाइजन डी एवरिल (अप्रैल फूल, जिसका शाब्दिक मतलब है 'अप्रैल फिश') का सन्दर्भ दिया, जो एक संभावित छुट्टी की तरफ इशारा करता है। 1539 में फ्लेमिश कवि 'डे डेने' ने एक अमीर आदमी के बारे में लिखा जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए भेजा था। इसी तरह से और भी कई किस्से हैं, जिनकी वजह से यह पता चलता है कि एक अप्रैल को कई मजाक करने वाले मामले हुए हैं। 

Web Title: Why Is April Fool's Day celebrated on First April Every Year

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