ऐसा 'बोगस' काम! महाराष्ट्र में बनी नई सड़क को ग्रामीणों ने अपने हाथ में उठा लिया, वीडियो देखकर रह जाएंगे हैरान
By विनीत कुमार | Updated: June 1, 2023 14:00 IST2023-06-01T13:57:09+5:302023-06-01T14:00:39+5:30
महाराष्ट्र के जालना जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां नई बनी सड़क को देखकर हर कोई हैरान है। एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ग्रामीण इस सडक को हाथ में उठा लेते हैं। जानिए क्या है पूरा मामला...

नई सड़क को ग्रामीणों ने अपने हाथ में उठा लिया! (फोटो- ट्विटर, वीडियो ग्रैब)
मुंबई: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ग्रामीणों को अपने हाथों से एक नवनिर्मित सड़क को 'उठाते' देखा जा सकता है। हैरान रह गए न! कई ट्विटर हैंडल्स में दावा किया गया है कि यह अजीबोगरीब घटना महाराष्ट्र में हुई। 38 सेकेंड के इस इस वीडियो क्लिप में नजर आता है कि बनी हुई सड़क के नीचे किसी कालीन जैसा चीज बिछी हुई है।
दावा किया जा रहा है कि इसे एक स्थानीय ठेकेदार ने बनाया था। वीडियो क्लिप में ग्रामीणों को स्थानीय ठेकेदार, जिसे वे राणा ठाकुर कह रहे हैं, उसकी आलोचना करते हुए सुना जा सकता है। ग्रामीण इस घटिया काम की आलोचना करते वीडियो में दिखाई देते और 'बोगस' शब्द का प्रयोग करते हैं।
When Kaleen Bhaiya ventures into Road construction 😂😂 The contractor made a fake road— with carpet as a base! #Maharashtra#India#Wednesdayvibepic.twitter.com/6MpHaL5V6x
— Rohit Sharma 🇺🇸🇮🇳 (@DcWalaDesi) May 31, 2023
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना महाराष्ट्र के जालना जिले के अंबड तालुका के कर्जत-हस्त पोखरी की है। सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएम ग्रामीण सड़क योजना) के तहत किया गया था। वेबसाइट के अनुसार ठेकेदार ने सड़क के निर्माण के लिए जर्मन तकनीक का इस्तेमाल करने का दावा किया था।
हालांकि, जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, सड़क दोयम दर्जे की है और हाथ लगाते ही असलियत सामने आ जाती है। स्थानीय लोगों ने महाराष्ट्र सरकार की भी आलोचना की। ग्रामीण इ, घटिया काम को मंजूरी देने वाले इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं।
मेक इन इंडिया वेबसाइट के अनुसार भारत में लगभग 63.32 लाख किलोमीटर का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। सड़क निर्माण को लागू करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की विभिन्न एजेंसियां जैसे- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोक निर्माण विभाग, सीमा सड़क संगठन और भारतीय राजमार्ग इंजीनियर्स अकादमी (IAHE) आदि हैं।
पारंपरिक सड़क निर्माण में टिकाऊपन सुनिश्चित करने के लिए बजरी, रेत और जमी हुई मिट्टी के मिश्रण का उपयोग किया जाता रहा है। हाल के वर्षों में, इंजीनियरों ने सड़क को और बेहतर बनाने के लिए कंक्रीट का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है।