यूपी: जेल में महिला कैदी भी देख सकेंगी करवा चौथ का चांद, पहन सकेंगी 'मंगलसूत्र', जेल नियमावली में हुआ बदलाव
By भाषा | Published: August 20, 2022 03:22 PM2022-08-20T15:22:13+5:302022-08-20T15:31:50+5:30
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव करते हुए अब महिला कैदियों को मंगलसूत्र पहनने और करवा चौथ एवं तीज जैसे त्योहारों को मनाने की छूट दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नयी जेल नियमावली के प्रावधानों के अनुसार अब विवाहित महिला कैदी ‘मंगलसूत्र’ पहन सकेंगी और राज्य की जेलों में करवा चौथ एवं तीज जैसे त्योहार मना सकेंगी। राज्य मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में उत्तर प्रदेश जेल नियमावली को मंजूरी दी थी, जिसमें 1941 की नियम पुस्तिका के अव्यवहारिक प्रावधानों को हटा दिया गया था।
राज्य के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि नयी जेल नियमावली में कैदियों, विशेषकर महिलाओं के प्रति अधिक मानवीय और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया गया है। नयी जेल नियमावली विवाहित महिला कैदियों को अपना ‘मंगलसूत्र’ (उनकी वैवाहिक स्थिति को दर्शाने वाला पवित्र धागा) पहनने की अनुमति देता है। इससे पहले, उन्हें केवल चूड़ियां, पायल और नाक की कील पहनने की अनुमति थी।
नयी जेल नियमावली में सैनिटरी नैपकिन, नारियल तेल और शैम्पू भी उन वस्तुओं की सूची में हैं, जो महिला कैदियों को प्रदान की जाएंगी। महिला कैदियों से पैदा हुए बच्चों को जन्म के समय पंजीकृत किया जाएगा और उनका सभी अनिवार्य टीकाकरण किया जाएगा। उनका नामकरण संस्कार भी किया जा सकता है।
मंत्री प्रजापति ने कहा, ‘‘मैं हाल में एक जेल गया था जहां एक बच्चे का जन्म हुआ था। उसी दिन नामकरण समारोह किया गया था। जेल अधीक्षक ने पंडितजी और समारोह की अन्य व्यवस्थायें की थीं।’’ इसके साथ ही बैरक में अपनी मां के साथ रहने वाले बच्चों की पढ़ाई का भी ध्यान रखा जाएगा और हर जेल में एक शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों को उनकी माताओं द्वारा किए गए अपराध के बारे में बैरक में लगातार हो रही बातचीत से दूर रखने के लिए बच्चों के लिए पार्क की भी व्यवस्था की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं को चिकित्सा सुविधाओं के अलावा सभी देखभाल और अतिरिक्त पौष्टिक आहार मिलेगा। अपनी मां के साथ रहने वाले बच्चों के लिए क्रेच और नर्सरी के अलावा खेलकूद, उनकी शिक्षा और मनोरंजन की उचित व्यवस्था को नयी जेल नियमावली में जगह दी गई है।
वहीं अगर भोजन की बात की जाए तो सामान्य आहार में सभी दिनों में भोजन में चटनी को भी शामिल किया गया है और महीने में एक बार ‘‘कढ़ी-चावल’’ और हर शाम चाय-बिस्कुट की व्यवस्था की गई है। नयी नियमावली में ईद और बकरीद पर ‘‘सेवईं’’ दिये जाने का भी प्रावधान है। होली, दिवाली और सभी राष्ट्रीय त्योहार पर खाने के साथ ‘‘खीर’’ भी दी जा रही है।
इसके अलावा मुस्लिम कैदियों को रोजे के दौरान इफ्तार में खजूर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा, हिंदू कैदियों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में दांतों को ब्रश करने के लिए नीम की दातून दी जाती है लेकिन अब कैदियों को टूथ पाउडर मिलेगा। कोई भी कैदी जो टूथब्रश और पेस्ट का उपयोग करना चाहता है, वह जेल कैंटीन से इसे खरीदने के लिए स्वतंत्र होगा। शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से ऑडियो-विजुअल मीडिया उपलब्ध कराया जाएगा।
जेल आने वाले सभी आगंतुकों की तस्वीरें खींची जाएंगी और उनकी वीडियोग्राफी की जाएगी तथा किसी प्रियजन की मृत्यु पर कैदियों को जेल के गेट पर जाकर अपनी संवेदना व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। जेल में बंद सगे संबंधियों और जीवनसाथी से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति होगी और यदि उक्त रिश्तेदार अलग-अलग जेलों में है, तो टेलीफोन कॉल की अनुमति होगी।
इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण परिवर्तन यह किया गया है कि विचाराधीन कैदियों को अब हथकड़ी या जंजीर से बांधकर एकांत कारावास में नहीं रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश में 62,000 कैदियों को समायोजित करने की क्षमता वाली 75 जेलें हैं। हालांकि, जेलों में फिलहाल 1.18 लाख कैदी हैं।