मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों की दवाओं में गौमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय गौमूत्र पर गंभीरता से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, 'गौमूत्र का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं को बनाने में होता है। यहां तक की कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों की दवाओं में भी इसका इस्तेमाल होता है।' उन्होंने कहा कि सरकार गायों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए काम कर रही है।
अश्विनी चौबे ने कहा कि डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियां दुनिया के सामने चुनौती हैं। हम इसे पूरी तरह से ठीक करने का दावा तो नहीं कर सकते लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश 2030 तक गैर-संचारी रोग से मुक्त होना चाहता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय कैंसर को आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में शामिल करने के लिए अध्ययन कर रहा है।
अश्विनी चौबे श्री रामकृष्ण अस्पताल में 'कैंसर के खिलाफ जंग अभियान का उद्घाटन करने आये थे। चौबे के इस बयान पर सोशल मीडिया में तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
अशरफ हुसैन ने ट्विटर पर लिखा, 'बताइये ऐसे ऐसे लोग सरकार में बैठे हुए हैं।' मिर्जा शहनवाज ने लिखा कि भारत मे राजनीति करने के लिये कुछ भी फेक दो काम बन जाएगा। कई यूजर्स ने चौबे के बयान का समर्थन करते हुए उम्मीद भी जताई है।