दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। जामिया हिंसा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में जो हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि युवाओं में बम जैसी ताकत होती है, उन्हें मत भड़काएं। हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे छात्रों के साथ ऐसा कोई काम नहीं करे। प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए। उद्धव ठाकरे अपने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। उद्धव ठाकरे को इस बयान के लिए ट्रोल किया जा रहा है। लोग कह रहे है कि उद्धव ठाकरे ने जलियांवाला बाग त्रादसी में शहीद भारतीयों का अपमान किया है।
पत्रकार स्मिता प्रकाश ने लिखा है, कैप्टन अमरिंदर सिंह ( पंजाब के सीएम) प्लीज माननीय सीएम को अमृतसर आमंत्रित कीजिए और उन्हें उसे जलियांवाला बाग ले जाएं और उससे जुड़े इतिहास के बारे में उनको बताएं।
कई यूजर हैशटैग "Jallianwala Bagh" के साथ उद्धव ठाकरे की आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, उद्धव ठाकरे जी आप सीएम हैं, अब आपको दिमाग का सहारा लेकर बोलना चाहिए।
एक यूजर ने लिखा, दिल्ली के विरोध का जलियांवाला बाग हत्याकांड से तुलना करना शहीदों और भारतीय लोकतंत्र का अपमान है।
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जलियांवाला बाग का इतिहास
अमृतसर के जलियांवाला बाग में बैसाखी के दौरान 13 अप्रैल 1919 को यह नरसंहार हुआ था जब ब्रिटिश भारतीय फौज के सैनिकों ने कर्नल रेगीनाल्ड डायर की कमान में वहां स्वतंत्रता की मांग के लिए जुटे लोगों पर गोलियां चलवा दी थी। इस जनसंहार में कई लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हो गए थे।
जामिया हिंसा मामले में 10 गिरफ्तार, कोई छात्र शामिल नहीं
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसा में कथित तौर पर शामिल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपियों को सोमवार की रात गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है। विश्वविद्यालय रविवार को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था। दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें चार डीटीसी बसों, 100 निजी वाहनों और 10 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।