मरीज के गले में था नारियल जितना बड़ा ट्यूमर, 3 घंटे चला ऑपरेशन और फिर....
By भाषा | Published: October 28, 2022 11:30 AM2022-10-28T11:30:59+5:302022-10-28T11:49:30+5:30
इस जटिल ऑपरेशन को करने वाली डॉक्टर संगीता अग्रवाल ने कहा कि वजन और आकार के मामले में यह एक अनूठा मामला था, जिसमें आमतौर पर 10-15 ग्राम वजन और 3-4 सेंटीमीटर आकार वाली तितली के आकार की थाइरॉयड ग्रंथि 18-20 सेंटीमीटर के आकार वाले नारियल से भी बड़ी बन गई थी।
नई दिल्ली: दिल्ली के एक निजी अस्पताल में बिहार के 72 वर्षीय किसान की थाइरॉयड ग्रंथि से “नारियल के आकार” का ट्यूमर निकाला गया है। डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें इस सर्जरी में मरीज की आवाज को बचाने सहित कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
क्या है पूरा मामला
अस्पताल ने एक बयान में कहा कि बिहार के बेगुसराय जिले के रहने वाले व्यक्ति को बीते छह महीने से सांस लेने और भोजन निगलने में दिक्कत हो रही थी। दिक्कत काफी हद तक बढ़ गई थी, जिसके बाद उसे पिछले महीने यहां सर गंगाराम अस्पताल में ‘ईएनटी एवं हेड, नेक ओन्को सर्जरी’ विभाग में लाया गया।
अस्पताल में ‘हेड, नेक ओन्को सर्जरी’ विभाग में सलाहकार डॉक्टर संगीता अग्रवाल के अनुसार, “पिछले कई वर्षों की प्रैक्टिस के दौरान, मैंने बड़े थायरॉइड ट्यूमर के 250 से अधिक ऑपरेशन किए हैं।
वजन और आकार का यह अनोखा मामला है- डॉक्टर
इस पर बोलते हुए डॉक्टर संगीता अग्रवाल ने कहा वजन और आकार के मामले में यह एक अनूठा मामला था, जिसमें आमतौर पर 10-15 ग्राम वजन और 3-4 सेंटीमीटर आकार वाली तितली के आकार की थाइरॉयड ग्रंथि 18-20 सेंटीमीटर के आकार वाले नारियल से भी बड़ी बन गई थी।”
उन्होंने कहा कि ट्यूमर को हटाते समय सबसे बड़ी चुनौती मरीज की आवाज को बचाना था। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात रही कि दोनों तरफ की ‘वोकल कॉर्ड’ नसों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया।
नई तकनीक से हुए इस ऑपरेशन में सफलता मिली है
डॉक्टर ने कहा कि ट्यूमर की वजह से श्वांस नली (विंड पाइप) संकुचित हो गई थी जिसके कारण नई तकनीक से ऑपरेशन किया गया है। उन्होंने कहा, “इस तरह के बड़े ट्यूमर में कैल्शियम बचाना और पैराथाइरॉयड ग्लैंड्स को बरकरार रखना भी एक बड़ी चुनौती होती है। हम सभी पैराथाइरॉयड ग्लैंड्स को बचाने में कामयाब रहे।”
आपको बता दें कि थायरॉयड ग्रंथि तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो गर्दन के निचले हिस्से पर स्थित होती है। ‘‘एडम्स एप्पल’’ भी कहलाने वाली यह ग्रंथि ‘मेटाबॉलिज्म’ यानी चयापचय को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन का स्त्राव करती है। अस्पताल ने बताया कि इस सर्जरी में लगभग तीन घंटे का समय लगा है।