नई दिल्ली: अपने बयान के चलते सुर्खियों में रहने वाली तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार की कई नीतियों पर सवाल खड़े किए। अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने इकोनॉमिक आंकड़े गिनाते हुए कहा कि 'सरकार हमें 10 महीने झूठ दिखाती है। आंकड़े बताते हैं कि असली पप्पू कौन है?'
इस दौरान उन्होंने सरकार की नाकामी को उजागर करते हुए कहा कि 'मेरे पास कुछ ऐसे आंकड़े हैं, जिनसे आपको पता चल जाएगा कि आखिर पप्पू कौन है। इस सरकार ने ही पप्पू शब्द दिया है। वे इसका इस्तेमाल बदनाम करने और किसी को नाकाबिल दिखाने के लिए करते हैं। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि असली पप्पू कौन है।'
उन्होंने कहा कि 'अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन 4 प्रतिशत घटकर 26 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। विनिर्माण क्षेत्र में 5.6 प्रतिशत का अनुबंध हुआ है। औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक में नकारात्मक विकास दर दर्ज की गई है। एक वर्ष के भीतर विदेशी मुद्रा भंडार में 72 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।'
मोइत्रा ने कहा,"वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल प्रश्नकाल के दौरान उल्लेख किया कि उभरते बाजारों में एफआईआई प्रवाह का 50 प्रतिशत स्पष्ट रूप से भारत में आ रहा है। लेकिन उनके सहयोगी विदेश राज्य मंत्री ने पिछले शुक्रवार को इसी सदन में एक सवाल के जवाब में कहा कि लगभग 2,00,000 लोगों ने 2022 के पहले दस महीनों में अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी। 2014 के बाद से इस सरकार के तहत भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या 12.5 लाख से अधिक हो गई है। क्या यह एक स्वस्थ आर्थिक वातावरण का संकेत है? अब पप्पू कौन है?"
उन्होंने हाल ही में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए कहा,‘सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष अपना गृह राज्य नहीं बचा सके, वहां हार का सामना करना पड़ा। अब ‘असली पप्पू’ कौन है?’ उन्होंने आगे कहा कि सरकार वह होनी चाहिए जो ‘मजबूत नैतिकता’, ‘मजबूत कानून व्यवस्था’ और ‘मजबूत अर्थव्यवस्था’ सुनिश्चित करे।
मनरेगा फंड में घोटाले की बात को लेकर महुआ ने कहा कि "पिछले दिनों ही मेरे बारे में बिना सिर-पैर की बात कही गई। कहा गया कि मनरेगा फंड में घोटाला हुआ है । मैं माउंट होलियोक कॉलेज में पढ़ी। मां काली की पूजा करती हूं। मैं बॉर्डर संसदीय सीट से 2 बार चुनी गई हूं। आपकी ही भाषा में मैं आपसे कहती हूं और यह असंसदीय नहीं है। पंगा मत लेना।"