इम्फाल : देश के लिए टोक्यो ओलंपिक में पहला मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू पर आज पूरा देश गर्व कर रहा है । उन्होंने देश को 49 किलोग्राम भारोतोलन में कुल 202 ग्राम भार उठाकर उन्होंने देश को सिल्वर मेडल जिताया है । उनकी इस जीत के बाद ही भारत का टोक्यो ओलंपिक में खाता खुला था । इस ऐतिहासिक जीत के बाद स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू अपने घर मणिपुर पहुंच चुकी है । एक तरफ जहां पूरे देश में उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और उन पर पुरस्कारों की बौछार हो रही है । वहीं दूसरी और मीराबाई उन लोगों का शुक्रिया अदा करना नहीं भूली, जिन्होंने उनको इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की।
दरअसल मीराबाई का गांव नोंगपोग काकचिंग नाम के एक गांव में रहती है । मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित स्पोर्ट्स कंपलेक्स से 25 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर स्थित था । ऐसे में रोजाना यह लंबा सफर तय करने के लिए मीराबाई चानू के पास इतने पैसे नहीं होते थे । ऐसे में वह अक्सर इंफाल से बालू लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवर से लिफ्ट मांग कर एक अकादमी तक पहुंचती थी लेकिन ट्रक ड्राइवर उनसे पैसे भी नहीं लेते थे । पदक जीतने के बाद उन्होंने ऐसे ट्रक ड्राइवरों का पता लगाया और अपने घर पर बुलाकर उनका स्वागत किया।
वर्षों तक फ्री में मीराबाई को खेल एकेडमी तक पहुंचाने वाले इन ड्राइवरों को ओलंपिक विजेता ने अपने घर बुलाकर सम्मानित किया । उन्होंने लगभग 150 ट्रक ड्राइवरों और सहायकों को एक शर्ट, मणिपुरी दुपट्टा देने के साथ-साथ भरपेट खाना भी खिलाया । ट्रक ड्राइवरों से मिलने के दौरान मीराबाई भावुक भी हो गई । उन्होंने कहा कि उनका वेटलिफ्टर बनने का सपना कभी पूरा नहीं होता । अगर इन ट्रक ड्राइवरों ने उनकी मदद नहीं की होती । लोग मीराबाई की खूब सराहना कर रहे हैं । लोगों को सम्मान देकर उन्होंने एक बार फिर से सभी का दिल जीत लिया । मीराबाई के घर पर बैठे ड्राइवरों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है । लोग मीराबाई की खूब तारीफ कर रहे हैं ।