साड़ियों को लेकर रूढ़िवादिता पर चोट करती हजारों महिलाएं, बेंगलुरु के बीजीएस ग्राउंड विभिन्न शैलियों की साड़ियां पहनकर नजर आईं औरतें
By अनुभा जैन | Published: August 28, 2023 02:13 PM2023-08-28T14:13:20+5:302023-08-28T14:15:37+5:30
नारीत्व का प्रतीक “साड़ी“ पहनकर दौड़ने की एक अनूठी अवधारणा के साथ, बेंगलुरु के बीजीएस ग्राउंड में “साड़ी रन“ में लगभग 5 हजार महिलाओं ने विभिन्न शैलियों की साड़ियाँ पहनकर दौड़ लगाई।
बेंगलुरु: इस रविवार की सुबह अन्य दिनों से अलग थी क्योंकि रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान यानी साड़ी में महिलाएं दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र थीं। बच्चियों से लेकर से 86 साल की बुजुर्ग महिला पेशेवर और गृहिणियां बदलाव का बैनर दिखाने के लिए एकत्र हुईं।
नारीत्व का प्रतीक “साड़ी“ पहनकर दौड़ने की एक अनूठी अवधारणा के साथ, बेंगलुरु के बीजीएस ग्राउंड में “साड़ी रन“ में लगभग 5 हजार महिलाओं ने विभिन्न शैलियों की साड़ियाँ पहनकर दौड़ लगाई।
साड़ी के बारे में बनी धारणा को तोड़ते हुए और यह संदेश फैलाते हुए कि “साड़ी में कुछ भी संभव है और महिलाओं के लिए आरामदायक होना ही मायने रखता है“, ये महिलाएं सुबह 6 बजे 3 किमी रन के लिए मैदान में उतरीं।
महिलाओं को फिटनेस अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की इस पहल के कार्यक्रम में 1 वर्षीय अश्विता ए जोशी सबसे कम उम्र की प्रतिभागी थीं और मंगलुरु की 86 वर्षीय ललिता किनी सबसे उम्रदराज प्रतिभागी थीं।
ललिता ने कहा, “मैं ज्यादा पसीना बहाए बिना यह सब करने में सक्षम थी क्योंकि मैं एक स्वास्थ्य प्रेमी हूं और अक्सर इस तरह की दौड़ में भाग लेती रहती हूं।“
इसके अलावा, कुछ महिलाओं ने कचरा निपटान के स्थायी तरीकों का प्रदर्शन करने के लिए अपने चेहरों को विभिन्न डिजाइनों में रंगा और अपने माथे पर मेडिकल कचरा, गीला कचरा, सूखा और प्लास्टिक कचरा का लेबल लगाया।
नागा लक्ष्मी नामक 70 वर्षीय उत्साही महिला प्रतिभागी ने कहा कि उम्र मेरे लिए सिर्फ एक संख्या है, मैं जो चाहूं वह कर सकती हूं। और इसीलिए मैं अपनी बेटी के प्रोत्साहन से आज यहां भाग ले रही हूं।
उन्होंने कहा, साड़ी पहनकर दौड़ना मुझे उत्साहित करता है। पंजीकरण कराने वाली 7500 महिलाओं में से करीब 5 हजार महिलाएं रन में शामिल हुईं।