सीलमपुर हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस के सपोर्ट में सोशल मीडिया पर लोग, पथराव का वीडियो शेयर कर यूजर्स बोले- 'ये विरोध, नहीं दंगा है'
By पल्लवी कुमारी | Updated: December 18, 2019 12:15 IST2019-12-18T12:15:51+5:302019-12-18T12:15:51+5:30
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में रविवार से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मंगलवार को भी सैकड़ों छात्र जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप सड़कों पर उतरे जहां रविवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ था।

सीलमपुर हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस के सपोर्ट में सोशल मीडिया पर लोग, पथराव का वीडियो शेयर कर यूजर्स बोले- 'ये विरोध, नहीं दंगा है'
नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में और इस विवादास्पद कानून को वापस लेने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में मंगलवार (17 दिसंबर) को पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, कई मोटरसाइकिलों को आग लगा दी और तीन बसों के साथ-साथ दो पुलिस चौकियों में भी तोड़फोड़ की। इस घटना में 21 पुलिसकर्मी और छह व्यक्ति जख्मी हो गए हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। ज्यादातर यूजर्स ने उस क्लिप को शेयर किया, जिसमें प्रदर्शनकारी पुलिस वालों को दौड़ाकर पत्थरबाजी कर रहे हैं। असल में इस इलाके में अचानक से हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए थे और शुरुआत में स्थिति पुलिस के काबू में नहीं हो पाई। पुलिसकर्मियों को दौड़ाने का वीडियो लोगों ने शेयर कर प्रदर्शनकारियों की आलोचना की है।
एक यूजर ने लिखा है कि स्कूल बस में आग लगाना, पुलिस को पीटना यह पागलपन है।
Seelampur, Delhi. Where cops and civilians were beaten up by a mob, school buses were attacked. This is madness. pic.twitter.com/QaqtWXgqP8
— Ishita Yadav (@IshitaYadav) December 17, 2019
मेजर सुरेंद्र पूनिया ने लिखा, भीड़ अब सीलमपुर को जला रहे हैं, क्या आप इनको मासूम नागरिक कहेंगे, जो पत्थर / लाठियों से दिल्ली पुलिस को पीट रहे हैं। क्या लोकतंत्र और संविधान को सुरक्षित करने का बस यही तरीका है।
Now they are burning #Seelampur@ParineetiChopra After getting your moral support “Innocent Human Beings” started beating Delhi Police by stones/lathis & burning buses..What a way to secure democracy & constitution pic.twitter.com/aby098hl92
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) December 17, 2019
वैरीफाइड यूजर ने लिखा, यह एक दंगा है न कुछ ज्यादा, न कुछ कम।
Cops were *chased* by the mob here in Seelampur. One falls behind and is kicked to the ground. This is rioting. Nothing more, nothing less pic.twitter.com/XmfVXDQj6L
— Padmaja joshi (@PadmajaJoshi) December 17, 2019
पत्रकार स्मिता प्रकाश ने लिखा, यह सिर्फ एक तोड़फोड़ नहीं है। यह सरकारी कर्मचारी के अधिकारों पर हमला है। इन सब के ऊपर भारतीय दंड संहिता धारा 353 लागू होता है। जो गैर जमानती है। सजा 3-5 साल।
This is not vandalism, boss. This is assaulting government servant on duty - Section 353 of Indian Penal Code. Non bailable. Punishment 3-5 years. Vandalism comes under ‘mischief’ section 425. https://t.co/sxpEavG6Sw
— Smita Prakash (@smitaprakash) December 17, 2019
@FarOutAkhtar and bullieswood shits peace protest just by pelting stilones in schools kids in seelampur ,delhi by peacefool people,students... .. pic.twitter.com/iUKjPzxFnU
— sanjay parmar (@sanjayparmar83) December 18, 2019
Seelampur protestors have targeted school buses which were carrying small children. Innocent protestors. Awww
— अंकित जैन (@indiantweeter) December 17, 2019
Seelampur mob almost lynched a cop. Videos by girls showing Police raiding library. Description of police violence within AMU. Mob violence destroying public property.
— shilpi tewari (@shilpitewari) December 18, 2019
If one type of violence disturbs u while dismissing or celebrating the rest then you are part of the problem.
सीलमपुर हिंसा : 21 पुलिसकर्मी, छह व्यक्ति जख्मी
दिल्ली के सीलमपुर इलाके में मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 21 पुलिस कर्मी और छह लोग जख्मी हुए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में सीलमपुर और जाफराबाद थाने में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि रेपिड एक्शन फोर्स के तीन कर्मी जख्मी हुए हैं। दिल्ली के सीलमपुर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कई बाइकों को फूंक दिया। पुलिस कर्मियों पर पथराव किया और बसों को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा एक पुलिस बूथ और एक सार्वजनिक शौचालय को भी आग के हवाले कर दिया।