3000 साल पुराना पतलून शोधकर्ताओं ने खोजा, जर्मन पुरातत्व संस्थान का खुलासा; 3 तरह की बुनाई तकनीकों का हुआ था इस्तेमाल

By आजाद खान | Updated: February 25, 2022 19:14 IST2022-02-25T18:53:36+5:302022-02-25T19:14:58+5:30

आपको बता दें कि इस पतलून को बनाने के लिए अलग-अलग बुनाई तकनीक और पैटर्न की विविधता का जमकर इस्तेमाल हुआ है।

Researchers discovered 3000 year old trousers china Tarim Basin German Archaeological Institute reveals 3 different weaving techniques science news | 3000 साल पुराना पतलून शोधकर्ताओं ने खोजा, जर्मन पुरातत्व संस्थान का खुलासा; 3 तरह की बुनाई तकनीकों का हुआ था इस्तेमाल

3000 साल पुराना पतलून शोधकर्ताओं ने खोजा, जर्मन पुरातत्व संस्थान का खुलासा; 3 तरह की बुनाई तकनीकों का हुआ था इस्तेमाल

Highlightsशोधकर्ताओं ने एक 3,000 साल पुराने पतलून का खोज किया है।इस खोज को जर्मन पुरातत्व संस्थान के मेके वैगनर के टीम ने की है।इस पतलून को बनाने के लिए तीन अलग-अलग टेकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

टर्फन: उत्तर पश्चिमी चीन के तारिम बेसिन में शोधकर्ताओं ने एक 3,000 साल पुराने पतलून को खोज निकालने का दावा किया है। दरअसल, जर्मन पुरातत्व संस्थान के मेके वैगनर के नेतृत्व में यह खोज का खुलासा किया गया है। इस खोज के लिए पुरातत्वविदों, फैशन डिजाइनरों, भूवैज्ञानिकों, रसायनज्ञों और संरक्षकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम लगी थी जो इस नायाब पतलून को यांगहाई के कब्रिस्तान से एक कब्र से पाया है। यह पतलून देखने में काफी खास और अच्छी कारीगरी का नमूना लगता है। शोधकर्ता इसके और रहस्से को उजागर करने में लगे हैं। 

क्यों खास है इस 3000 पूराना पतलून में

साइंस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, आज से करीब 3000 साल पहले, इस पतलून को बनाने के लिए मोटे ऊन वाले धागे का इस्तेमाल किया गया था जिसे तैयार करने के लिए तीन बुनाई वाले तकनीकों का सहारा लिया गया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि इसे बनाने के लिए लचेदार टव्विल वेव तकनीक को इस्तेमाल किया गया है जो पूरे पतलून को बनाने में उपयोग किया गया है। 

यही नहीं पतलून के एंक्ल और काफ के हिससे में ज़िगज़ैग धारियों को बखूबी से इस्तेमाल किया गया है जो इसे अपने आप में खास बनाता है। घुटनों को कवर करने के लिए विभिन्न रंगों में मुड़े हुए धागों के साथ टेपेस्ट्री बुनाई का उपयोग किया गया है। इसे ऐसा इसलिए बनाया गया था ताकि इसका ज्यामितीय पैटर्न सही से दिखाई मिल सके। वहीं तीसरी तकनीक का उपयोग इस पतलून के मोटी कमरबंद को बनाने के लिए किया गया था।

विभिन्न स्थानीय मूल और परंपराओं का सही मिश्रण है इस पतलून में-शोधकर्ता

शोधकर्ता वैगनर ने बताया कि इस पतलून को बनाने के लिए अलग-अलग बुनाई तकनीक और पैटर्न की विविधता का इस्तेमाल हुआ है। इस बुनाई के तकनीक पर बोलते हुए वैगनर ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ होगा क्योंकि चरवाहों ने मौसमी प्रवास रुटों का इस्तेमाल करते हुए इस तारिम बेसिन को पार किया होगा। वैगनर ने यह भी कहा कि इस पतलून में विभिन्न स्थानीय मूल और परंपराओं के सही मिश्रण के साथ समय के अनुसार इसमें ट्रेंड भी देखा गया है जिसे यह पतलून अपने आप में खास बन जाता है। 

Web Title: Researchers discovered 3000 year old trousers china Tarim Basin German Archaeological Institute reveals 3 different weaving techniques science news

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