पेगासस मामला: IAS अधिकारी ने ट्वीट किया, 99% जनता को फोन टेप करने से घंटा फर्क नहीं पड़ता

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 20, 2021 04:40 PM2021-07-20T16:40:04+5:302021-07-20T16:41:34+5:30

पेगासस मामला: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, भारतीय जनता पाार्टी (भाजपा) के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल , पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उन लोगों में शामिल हैं।

Pegasus Spyware case Hours doesn't matter to 99% of the public tweeted IAS officer | पेगासस मामला: IAS अधिकारी ने ट्वीट किया, 99% जनता को फोन टेप करने से घंटा फर्क नहीं पड़ता

300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हो।

Highlightsपेगासस को गांधी को निशाना बनाने के लिये कहा गया था या नहीं।'ले मोंडे' सहित 16 अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों ने मीडिया पार्टनर के रूप में प्रकाशित किया है।विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का फोन नंबर भी शामिल था।

पेगासस मामला: इजराइली स्पाइवेयर के जरिये हैकिंग का मामला बढ़ रहा है। पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लोग भी अपनी बात रख रहे हैं। वहां भी लोग बंट गए हैं। एक आईएएस अधिकारी ने ट्वीट किया है। कई लोग उस पर कमेंट कर रहे हैं। अधिकारी ने ट्वीट किया कि 99% जनता को फोन टेप करने से घंटा फर्क नहीं पड़ता है। लोगों ने कहा कि घंटा शब्द आईएएस सक्षात्कार में यूज कर सकते हैं क्या। 

अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हो।

यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है। हालांकि सरकार ने अपने स्तर से खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,‘‘ इससे जुड़ा कोई ठोस आधार या सच्चाई नहीं है।’’ सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा,‘‘ भारत एक लचीला लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही सरकार ने ‘‘जांचकर्ता, अभियोजक और ज्यूरी की भूमिका’’ निभाने के प्रयास संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

रिपोर्ट को भारत के न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के साथ-साथ वाशिंगटन पोस्ट, द गार्डियन और ले मोंडे सहित 16 अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों द्वारा पेरिस के मीडिया गैर-लाभकारी संगठन फॉरबिडन स्टोरीज और राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई एक जांच के लिए मीडिया पार्टनर के रूप में प्रकाशित किया गया था। यह जांच दुनिया भर से 50,000 से अधिक फोन नंबरों की लीक हुई सूची पर आधारित है और माना जाता है कि इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से संभवतया इनकी हैकिंग की गई है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल की तकनीकी लैब द्वारा इस सूची से लिए गए फोन के क्रॉस-सेक्शन के फोरेंसिक निरीक्षण ने 37 उपकरणों में पेगासस स्पाइवेयर की उपस्थिति की पुष्टि की है, जिनमें से 10 भारत में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गांधी उन लोगों में शामिल नहीं हैं जिनके फोन नंबरों की जांच की गई क्योंकि उनके पास अब वे हैंडसेट नहीं हैं जिनका इस्तेमाल उन्होंने उस समय किया था जब उनके नंबर को 2018 के मध्य से 2019 के मध्य तक निशाना बनाने के लिये चुना था।

Web Title: Pegasus Spyware case Hours doesn't matter to 99% of the public tweeted IAS officer

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