'हल्दीराम' के पैकेट पर उर्दू में लिखे विवरण पर टीवी रिपोर्टर ने दुकान में घुसकर जताई आपत्ति, मैनेजर ने दिया ये जवाब
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 6, 2022 02:40 PM2022-04-06T14:40:04+5:302022-04-06T14:47:02+5:30
सोशलमीडिया पर एक टीवी चैनल की रिपोर्टर द्वारा प्रसिद्ध फूडचेन हल्दीराम के आउटलेट में जाकर पैकेट पर उर्दू में जानकारी लिखी होने को तूल दिये जाने का वीडियो वायरल हो रहा है।
दिल्ली: सोशलमीडिया पर एक टीवी चैनल की रिपोर्टर द्वारा प्रसिद्ध फूडचेन हल्दीराम के आउटलेट में जाकर पैकेट पर उर्दू में जानकारी लिखी होने को तूल दिये जाने का वीडियो वायरल हो रहा है।
वीडियो में रिपोर्टर स्टोर मैनेजर से कह रही है कि नवरात्र के समय उपवास रखने वाले हिंदू ग्राहकों को आप धोखा दे रहे हैं, तो प्रतिक्रिया में स्टोर का मैनेजर स्पष्ट कहता है, "मैडम आपको जो करना है करें, हल्दीराम इस तरह के मामलों में नहीं पड़ता है।
Ab HaldiRAM bhi anti-national ho gaya. pic.twitter.com/OM7FuWegoy
— Cryptic Miind (@Cryptic_Miind) April 5, 2022
इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशलमीडिया पर हल्दीराम ट्रेंड करना लगा और पक्ष-विपक्ष में इसे लेकर बहस छिड़ गयी है। सोशलमीडिया पर कुछ ने सुझाव दिया कि चूंकि पैकेट पर 'अरबी' में लिखा है, इसलिए ऐसे पैक्टों को मिडिल ईस्ट में एक्सपोर्ट कर दिया जाना चाहिए।
वहीं कुछ यूजर्स भारतीय रेलवे द्वारा स्टोशनों पर लिखे स्थानों का नाम उर्दू में लिखे होने और इंडिन करेंसी पर लिखे ऊर्दू में रुपये की जानकारी का हवाला देते हुए इसे सही बता रहे हैं।
Ab HaldiRAM bhi anti-national ho gaya. pic.twitter.com/OM7FuWegoy
— Cryptic Miind (@Cryptic_Miind) April 5, 2022
Boycott Gang lets start boycott indian currency... #Urdu#haldiram#Haldiramspic.twitter.com/cW6pDgmiTp
— Prince Siddique (@PrinceSidd786) April 5, 2022
वायरल वीडियो में दिख रही सुदर्शन टीवी के लिए काम करती है। इस चैनल पर पहले भी मुसलमानों के खिलाफ विद्वेषपूर्ण सामग्री प्रसारित करने का आरोप लग चुका है।
चैनल के भारतीय नौकरशाही में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व पर आधारिक कार्यक्रम की सुप्रीम कोर्ट ने निंदा की थी। सर्वोच्च अदालत ने चैनल के उस कार्यक्रम को साम्प्रदायिक विमैनस्य को बढ़ावा देने वाला मानते हुए उसेक प्रसारण पर रोक लगा दिया था।
सुदर्शन चैनल द्वारा चलाये जा रहे इस तरह के शो को अंततः सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से रोकना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने शो को रोकने का जो आदेश दिया था, उसमें स्पष्ट कहा गया था कि "शो द्वारा यह बताने का दूषित प्रयास किया गया है कि समुदाय विशेष सिविल सेवाओं में घुसपैठ करने की अनैतिक साजिश कर रहा है। एपिसोड में प्रसासित कई ऐसे बयान को कोर्ट ने न केवल स्पष्ट रूप से गलत बल्कि झूठ से प्रेरित और असत्य फैलाने वाला बताया था।"
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने दो साल पहले सुदर्शन चैनल के शो द्वारा समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था, "सिविल सेवाओं में मुसलमानों की घुसपैठ पर सुदर्शन टीवी का शो अनैतिक और छल से भरा हुआ पागल है क्योंकि इसके जरिये एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने का प्रयास किया गया है।"
वहीं जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने अपनी टिप्पणी में कहा था, "मैंने शो का एक एपिसोड देखा और इसे देखना बहुत ही कष्टदायक था। शो में दिखाये गये कई चित्र आपत्तिजनक हैं और इन्हें हटाने की जरूरत है।"