गरीब दिहाड़ी मजदूर बना यूट्यूबर, वीडियो बनाकर अब लाखों रुपये की हो रही है कमाई, जानें उनकी पूरी कहानी
By दीप्ती कुमारी | Updated: July 8, 2021 13:49 IST2021-07-08T13:49:37+5:302021-07-08T13:49:37+5:30
अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो आपको कोई नहीं रोक सकता है। ऐसी ही कहानी है ओडिशा के संबलपुर के इसाक मुंडा की है कि वह एक दिहाड़ी मजदूर से लाखों कमाने वाले यूट्यूबर कैसे बन गए ।

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया
भुवनेश्वर: एक दिहाड़ी मजदूर से लेकर एक सफल यूट्यूबर बनने तक की इसाक मुंडा की कहानी काफी प्रेरणादायक है। ओडिशा के संबलपुर के रहने वाले आदिवासी इसार मुंडा पहले दिहाड़ी मजदूर थे । किसी तरह अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ करते थे । लॉकडाउन की मार ने उनके रोजगार को भी काफी प्रभावित किया । लॉकडाउन के कारण काम ठप होने के बाद इसाक को समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें ।
कहते हैं न जब भगवान एक रास्ता बंद करते हैं तो दूसरा रास्ता खोल देते है । बस आपको उस रास्ते पर चलना होता है। ऐसा ही हुआ इसाक के साथ हुआ । उन्होंने फूड ब्लॉगर्स से प्रभावित होकर मार्च 2020 में यूट्यूब वीडियो बनाने का फैसला किया और उन्होंने अपना पहला वीडियो चावल और करी खाते हुए बनाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर हिट कर गया और अब तक इसे लाखों लोग देख चुके हैं ।
वे इस वीडियो में अपने हाथ से चावल, सांभर , एक टमाटर और हरी मिर्च खाते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो को बनाने के लिए उन्होंने एक 3 हजार का स्मार्टफोन कर्ज लेकर खरीदा था ।
इस बारे में इसाक ने कहा कि 'मैंने वीडियो के लिए पहले एक छोटा स्मार्टफोन खरीदने के लिए 3 हजार रुपए कर्ज लिया था । उन्होंने कहा कि मैं अपने छोटे-से घर और गांव के जन-जीवन के बारे में वीडियो बनाता हूं , जिसमें मैंने दिखाया कि हम क्या और कैसे खाते हैं । मुझे खुशी है कि लोगों को मेरा वीडियो पसंद आया । इसकी मदद से मैं अब अच्छे पैसे कमा लेता हूं । '
इसाक मुंडा के चैनल का नाम 'इसाक मुंडा ईटिंग' के 7 लाख से अधिक सब्सक्राईबर है । उनके अधिकांश वीडियो स्थानीय भोजन और परिवेश के बारे में होते हैं ।
मुंडा ने कहा कि 'अगस्त 2020 में मुझे यूट्यूब से 5 लाख की कमाई हुई । इस बारे में मुंडा ने ओडिशा टीवी को बताया था । उन्होंने कहा कि मैंने इन पैसों से घर बनाया है और अपने परिवार को गरीबी से उबारने में मदद की । मैंने अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंद लोगों की मदद करने का फैसला किया है ।' उन्होंने कहा कि 'वीडियो बनाने का उद्देश्य केवल पैसा कमाना नहीं है बल्कि अपनी स्थानीय परंपराओं के बारे में लोगों को बताना है और अब वह दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम की तलाश नहीं करते हैं ।'