'जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है', RSS प्रमुख के बयान पर विवाद, ट्विटर पर 'भागवत माफी मांगो' हुआ ट्रेंड
By विनीत कुमार | Published: February 6, 2023 11:07 AM2023-02-06T11:07:28+5:302023-02-06T11:07:28+5:30
मोहन भागवक ने जाति व्यवस्था को लेकर मुंबई में रविवार को एक बयान दिया, जिस पर विवाद मच गया है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत की ओर से जाति व्यवस्था पर दिए एक बयान पर विवाद शुरू हो गया है। ट्विटर पर मोहन भागवत से जुड़े बयान को ट्रेंड कराकर माफी मांगने को कहा जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसे ब्राह्मण विरोध बयान बता रहे हैं।
मोहन भागवत ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई बल्कि पंडितों ने बनाई। उन्होंने ये भी कहा कि पंडितों ने जो श्रेणी बनाई वह गलत है। भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज जातिवाद को लेकर भ्रमित होता रहा है और इस भ्रम को दूर करना आवश्यक है।
#भागवत_माफी_मांगोpic.twitter.com/LkDl2rtZ12
— हरी तिवारी (@haritiw43635576) February 6, 2023
अगर देश के अलग अलग युनिवर्सिटी के दीवारों पर ब्राम्हण विरोधी नारे लिखे जा रहें और पक्ष और विपक्ष एक हो कर ब्राम्हण विरोध कर रहे तो समझ लो जो कश्मीर में हुआ वो पूरे देश में होने वाला है , आईटी सेलियो को भी समझा दो #भागवत_माफी_मांगोpic.twitter.com/gcccxuRjUn
— Jay Aditya (@AdityaIndia99) February 6, 2023
ये #भागवत महराज #भगवंत_मान हो गए हैं क्या.?
— ‘प्रदीप ओझा’ (सनातनी)🕉️🚩⚔️🇮🇳 (@Deshi_Bhaiya_Ji) February 6, 2023
माफ करना #भागवत जी, सात–आठ पीढ़ियों तक मैं जानता हूं हमारे पूर्वज हिंदू ही थे, हम हिंदू ही रहेंगे।
आपके पूर्वज मुसलमान थे या हिंदू ये हम नहीं जानते।
और हमें जानना भी नहीं।
कृपया फालतू के बयान बाजी ना करें।#भागवत_माफी_मांगोpic.twitter.com/1Xu0ZqhAaX
जाति भगवान ने नही बनाई है , जाति पंडितों ने बनाई है: तथाकथित हिन्दू नेता मोहन भागवत
— Er. Durgesh Pandey🇮🇳 (@ErDurgeshPande7) February 5, 2023
मोहन भागवत का दिमागी संतुलन ठीक नही है...इन्हे किसी पागल खाने में भर्ती कराओ।
अपनी गंदी राजनीति के लिय ब्राह्मणों को बलि का बकरा बना रहे है।
आरएसएस जैसे फर्जी संगठनों से ब्राह्मण दूर रहे। pic.twitter.com/CnJUhlcutx
संघ प्रमुख ने ये भी कहा था, 'लोग चाहे किसी भी तरह का काम करें, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। श्रम के लिए सम्मान की कमी समाज में बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। काम के लिए चाहे शारीरिक श्रम की आवश्यकता हो या बुद्धि की, चाहे इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो या ‘सॉफ्ट’ कौशल की-सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा था, 'हर कोई नौकरी के पीछे भागता है। सरकारी नौकरियां केवल करीब 10 प्रतिशत हैं, जबकि अन्य नौकरियां लगभग 20 फीसदी। दुनिया का कोई भी समाज 30 प्रतिशत से अधिक नौकरियां पैदा नहीं कर सकता।'
इस बयान पर राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को मोहन भागवत पर तंज कसा और पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के वादे का क्या हुआ।