भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कार्टोसेट उपग्रहों की सीरीज की नवीनतम तीसरी पीढ़ी के उपग्रह कार्टोसेट-3 और अमेरिका के 13 व्यावसायिक नैनो उपग्रहों को लॉन्च कर दिया है। इसरो ने जैसे ही कार्टोसेट-3 लॉन्च किया ट्विटर पर सारे टॉप ट्रेंड इसरो को लेकर होने लगे। हैशटैग #ISRO, #Cartosat3 और #PSLVC47 ट्रेंड कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर इसरो की सभी टीम को इस लॉन्चिंग के लिए बधाई दी है। उन्होंने लिखा है- मैं पूरे दिल से इसरो की टीम बधाई देता हूं। पीएसएलवी-सी 47 के स्वदेशी कार्टोसैट -3 उपग्रह और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रहों को ले जाने वाली एक और सफल प्रक्षेपण पर टीम को बधाई।
एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा, इसरो ने फिर से एक देश को गर्व महसूस करवाया है।
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जानें कार्टोसैट-3 के बारे में अहम बातें
भारत के अब तक के सबसे जटिल और पृथ्वी की बेहद स्पष्ट तस्वीर लेने वाला उन्नत उपग्रह कार्टोसैट-3 उड़ान भरने के 17 मिनट और 46 सेकंड बाद इसे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित हो गया। चंद्रयान-2 के बाद इसरो का यह पहला मिशन है। इसरो ने बताया कि अमेरिका के सभी 13 छोटे उपग्रहों को उड़ान भरने के 26 मिनट और 56 सेकंड बाद कक्षा में स्थापित कर दिया गया।
जैसे ही कार्टोसैट-3 को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया तो इसरो अध्यक्ष के. सिवन और अन्य वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे। बाद में अभियान नियंत्रण केंद्र से सिवन ने कहा, ‘‘मुझे यह एलान करते हुए अत्यधिक खुशी हो रही है कि पीएसएलवी-सी47 ने कार्टोसैट-3 और 13 ग्राहक उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कार्टोसैट-3 भारत का सर्वाधिक रेजोल्यूशन वाला उपग्रह है और अभी तक बना सबसे जटिल तथा पृथ्वी पर नजर रखने वाला उन्नत उपग्रह है।’’ उन्होंने उपग्रहों पर काम करने वाली टीमों को बधाई दी।
भविष्य के अभियानों के बारे में इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे पास बहुत काम हैं’’ मार्च 2020 तक 13 मिशन पूरे करने हैं। इनमें छह प्रक्षेपण यान मिशन और सात उपग्रह मिशन शामिल हैं। कार्टोसैट-3 का समग्र वजन 1625 किलोग्राम और मिशन पांच वर्ष का है। यह व्यापक पैमाने पर शहरी योजना, ग्रामीण संसाधन और आधारभूत ढांचे का विकास, तटीय भूमि उपयोग आदि की बढ़ती मांगों को पूरा करेगा। इसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा।
पीएसएलवी..सी47 पीएसएलवी की ‘एक्सएल’ कान्फिग्रेशन में 21वीं उड़ान है। पीएसएलवी..सी47 अमेरिका से 13 वाणिज्यिक नैनो उपग्रहों को भी लेकर जाएगा। ऐसा अंतरिक्ष विभाग के न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत हो रहा है। इसरो ने कहा है कि यह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 74वां प्रक्षेपण यान मिशन है। कार्टोसैट-3, कार्टोसैट श्रृंखला का नौवां उपग्रह है और बुधवार का प्रक्षेपण 2019 में इसरो का पांचवां प्रक्षेपण है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा इनपुट के साथ)