नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के आरोप में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रिसर्च स्कॉलर सफूरा जरगर फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। सफूरा जरगर पर दिल्ली पुलिस ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। 10 अप्रैल 2020 को दिल्ली पुलिस की विशेष सेल द्वारा सफूरा को गिरफ्तार किया गया है। 21 अप्रैल 2020 को दिल्ली पुलिस ने सफूरा जरगर के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। सफूरा जरगर को फरवरी में भी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन से हिरासत में लिया गया था। सफूरा जरगर तीन महीने की प्रेग्नेंट हैं। दिल्ली पुलिस ने जब उन्हें 10 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किया तो वह प्रेग्नेंट थीं।
पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर हैशटैग #SafooraZargar ट्रेंड में है
ट्विटर पर इन दिनों सफूरा जरगर की प्रेगनेंसी को लेकर विवाद छिड़ गया है। पिछले कई दिनों से सफूरा जरगर की प्रेगनेंसी को लेकर लोग सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों को कहना है कि प्रेग्नेंट महिला को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर अमानवीय बर्ताव किया है। तो वहीं कुछ लोगों को कहना है कि कानून सबसे ऊपर है।
3 मई 2020 को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सफूरा जरगर को लेकर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ''कृपया मेरे भाषण से उसकी (सफूरा जरगर) की प्रेगनेंसी को न जोड़ें। यह तरीका काम नहीं आएगा।''
कपिल मिश्रा ने यह ट्वीट, सलमान निजामी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए किया था। सलमान निजामी सफूरा जरगर की रिहाई की मांग करते हुए लिखा था, एक्टिविस्ट सफूरा जरगर (गर्भवती) रमज़ान के दौरान जेल में है, दंगा भड़काने वाले कपिल मिश्रा जैसे लोग आजाद हैं। मोदी के INDIA में मुसलमान होना अपराध है। शर्म करो!
इस दोनों ट्वीट के बाद सफूरा जरगर पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर फिर से चर्चा में हैं।
सफूरा जरगर की प्रेगनेंसी को लेकर क्या हो रहा है विवाद
सफूरा जरगर को लेकर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उनकी शादी नहीं हुई है तो वह प्रेग्नेंट कैसे हैं। हालांकि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। द प्रिंट ने सफूरा जरगर के पति के हवाले से लिखा है, उन्हें देश की कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। सोशल मीडिया पर सफूरा जरगर की प्रेगनेंसी को लेकर टिप्पणी पर महिला के पति कहते हैं, ''मैं भी उन्हें जवाब देकर इन ट्रोल करने वालों गरिमा को बढ़ाना नहीं चाहता, वे वही करेंगे जो उनको आता है।''
सफूरा जरगर के पति ने कहा, हम उम्मीद कर रहे थे कि सफूरा को जल्द ही जमानत मिल जाएगी, लेकिन लॉकडाउन के कारण, पूरी मशीनरी धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। लेकिन हमें अपनी न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है।
देखें ट्विटर पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
जानें सफूरा जरगर (Safoora Zargar) के बारे में?
27 वर्षीय सफूरा जरगर एक एक्टिविस्ट हैं। सफूरा जरगर ने जामिया से एम.फिल किया है। सफूरा तीन महीने की प्रेग्नेंट हैं। सफूरा जामिया समन्वय समिति (JCC) से जुड़ी हुई थी और दिसंबर और जनवरी में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा आयोजित नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोध का हिस्सा थी। उसे फरवरी में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर कथित रूप से सीएए के विरोध का नेतृत्व करने के लिए हिरासत में लिया गया था।
जेल में सफूरा को दी जा रही है स्पेशल डाइट
नवभारत टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक तिहाड़ जेल में बंद सफूरा को प्रेग्नेंट होने की वजह से महिला डॉक्टर की सलाह पर स्पेशल डाइट दी जा रही है। जेल अधिकारियों का कहना है कि जब से कोरोना वायरस का आतंक शुरू हुआ है। तब से जो भी कैदी जेल में लाया जाता है। उसे शुरूआत के कम से कम 14 दिन अलग आइसोलेशन वॉर्ड में बिताने पड़ते हैं, ताकि अगर उस कैदी को कोरोना वायरस के कोई लक्षण हो तो वह अन्य कैदियों तक न पहुंचे। इसी के चलते सफूरा को भी अलग सेल में रखा गया था। मय पूरा होने के बाद अब सफूरा को अन्य कैदियों के साथ रखा गया है।
रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि तीन महीने की प्रेग्नेंट सफूरा के अलावा और भी महिला कैदी यहां ऐसी हैं, जो प्रेग्नेंट हैं। जेल में रहते हुए कई महिला कैदियों की डिलिवरी भी हुई है।