सोशल मीडिया पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के जवान छात्रों को पीटते दिख रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार, विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया विभाग) प्रवीर रंजन ने कहा कि यह वीडियो पुलिस के संज्ञान में आया है और वे जारी जांच प्रक्रिया के तहत इसकी भी जांच करेंगे। इस 48 सेकेंड के वीडियो में अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के सात से आठ कर्मी ओल्ड रीडिंग हॉल में प्रवेश करते और छात्रों को लाठी से पीटते हुए दिख रहे हैं।
जामिया विश्वविद्यालय 15 दिसंबर को उस वक्त युद्धक्षेत्र में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर के भीतर उन बाहरी लोगों को तलाश करने के लिए घुसी जिन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान शैक्षणिक संस्थान से कुछ दूरी पर हिंसा और आगजनी की थी। लाइब्रेरी में छात्रों पर की गई कथित कार्रवाई के लिए पुलिस को जनाक्रोश का सामना करना पड़ा था।
जामिया समिति ने छात्रों पर हमला कर रहे अर्द्धसैनिक बलों का वीडियो जारी किया
जामिया समन्वयन समिति (जेसीसी) ने पिछले साल 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में छात्रों पर लाठीचार्ज कर रहे अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के कर्मियों का सीसीटीवी फुटेज जारी किया है। इस समन्वयन समिति में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र और पूर्व छात्र शामिल हैं। जेसीसी ने रविवार तड़के यह वीडियो जारी किया।
प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो सरकार की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी। उन्होंने गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस पर यह “झूठ’’ बोलने का भी आरोप लगाया कि लाइब्रेरी के भीतर जामिया के छात्रों की पिटाई नहीं की गई थी।
उन्होंने ट्वीट किया, “देखिए किस तरह दिल्ली पुलिस लाइब्रेरी में छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है। एक लड़का किताब दिखा रहा है लेकिन पुलिसवाला लाठियां चलाए जा रहा है।” उन्होंने कहा, “गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस ने झूठ बोला कि उन्होंने लाइब्रेरी में घुसकर किसी को नहीं पीटा।” प्रियंका ने कहा, “जामिया के इस वीडियो को देखने के बाद अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो सरकार की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी।”