छोटे से कमरे में शख्स ने देखा था कार खरीदना का सपना, आज बना उसी कंपनी का इंजीनियर, सोशल मीडिया पर पोस्ट पढ़ भावुक हुए लोग
By दीप्ती कुमारी | Published: July 28, 2021 03:28 PM2021-07-28T15:28:33+5:302021-07-28T15:47:50+5:30
अगर आपमें अपने सपनों का सच करने का साहस है तो रास्ते में आने वाले संघर्ष से भी लड़ सकते हैं । ऐसी ही कहानी उदयपुर के भावेश की है , जिसे पढ़कर हर कोई भावुक हो रहा है कि कैसे उन्होंने नंगे पाव चलकर अपनी सपनों की कंपनी में काम करने का मौका मिला , जिस कंपनी की कार वह कभी खरीदने का सपना देखते थे ।
मुंबई : सपना देखना और उन्हें पाने के बीच बहुत लंबा संघर्ष होता है और यह संघर्ष ही आपको जीत का सही अहसास दिलाता है । आप अपनी मेहनत से सबकुछ हासिल कर सकते हैं । छोटे से कमरे में बैठकर पढ़ाई करना और अपने सपने को जीना, ऐसा ही कुछ कर दिखाया उदयपुर की भावेश लोहार ने । उन्होंने अपने मेहनत के दम पर जानी मानी कार निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर में नौकरी पाई है और अब वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम कर रहे हैं।
भावेश ने अपनी स्ट्रगल की कहानी को लिंक्डइन पर साझा करते हुए बताया कि वह नंगे पांव हाईवे पर चलकर स्कूल जाते थे और अपने दोस्तों के साथ यह बात करते थे कि जब वह बड़े आदमी बन जाएंगे तो कौन सी कार खरीदेंगे और उसमें उन्होंने लोकल न्यूज़पेपर में फोर्ड फिगो का विज्ञापन देखा जिसके बाद उन्होंने इस कार को खरीदने का सपना देखा और आज वह फोर्ड मोटर कंपनी में सॉफ्ट इंजीनियर के पद पर काम कर रहे हैं ।
छोटे से कमरे में दिया था इंटरव्यू
लेकिन ये सब भावेश के लिए आसान नहीं था । भावेश बताते हैं कि उन्होंने कोरोना के कारण मजबूरी में कॉलेज छोड़ कर अपने घर आना पड़ा । उन्होंने बताया कि उनके परिवार में 7 लोग हैं और सबको एक कमरे में रहना पड़ता था इसलिए उन्होंने पढ़ाई करने के लिए एक अलग कमरा बनाया । भावेश ने कहा कि वह उसे 6 बाई 6 के रूम में बैठकर बड़ी से बड़ी कंपनी का इंटरव्यू देते रहें और फिर उनका सिलेक्शन फोर्ड में हो गया । उन्होंने कहा कि आज वह जिस स्थान पर भी पहुंच पाए हैं । वह अपनी बहनों और मां के कारण पहुंचे हैं जिन्होंने अपने सपनों को दरकिनार कर नौकरी की और परिवार का भरण पोषण किया । उन्होंने बताया कि उनकी मां ने उनको पढ़ाने के लिए लोगों के घर में नौकरानी का काम किया क्योंकि उनके पिता 7-8 हजार की सैलरी में मेरी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते थे।
परिस्थितियों ने सबकुछ सिखाया
भावेश अपनी पोस्ट में आगे लिखते हैं कि उन्होंने अपनी मां से वादा किया था कि जब वह पैसा कमाने लगे हैं तो उन्हें काम करने की जरूरत नहीं होगी और वह अपनी मां को हर खुशी देंगे । उन्हें अपनी पढ़ाई की फंडिंग के लिए कॉलेज सोसाइटी को छोड़ना पड़ा और भावेश ने आगे कहा कि मैंने जीवन में इन सभी संघर्षों को पाकर भाग्यशाली महसूस करता हूं क्योंकि उन्होंने मुझे जीवन में हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया ।