इंदौरः 500-500 रुपये के चार बंद नोट रिजर्व बैंक से बदलवाकर शिकायतकर्ता को लौटाए जाएं, जिला अदालत ने क्यों कहा, पढ़े पूरी कहानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 5, 2023 14:01 IST2023-07-05T14:00:31+5:302023-07-05T14:01:18+5:30
लोकायुक्त पुलिस ने चार जनवरी 2016 को इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के लिपिक मनीष शर्मा को एक भूखंड का पट्टा लेख देने के बदले स्थानीय नागरिक हेमराज जारवाल से 2,000 रुपये की कथित रिश्वत लेते पकड़ा था।

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इंदौरःइंदौर की जिला अदालत ने 2,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोपी लिपिक की मौत के बाद उसके खिलाफ मामला खत्म कर दिया है। इसके साथ ही, लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया है कि वह 500-500 रुपये के उन चार बंद नोटों को भारतीय रिजर्व बैंक से बदलवाकर शिकायतकर्ता को लौटाए जिनका इस्तेमाल जाल बिछाकर इस लिपिक को रंगे हाथों पकड़वाने में किया गया था।
अभियोजन से जुड़े एक अधिकारी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने चार जनवरी 2016 को इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के लिपिक मनीष शर्मा को एक भूखंड का पट्टा लेख देने के बदले स्थानीय नागरिक हेमराज जारवाल से 2,000 रुपये की कथित रिश्वत लेते पकड़ा था।
उन्होंने बताया कि जारवाल की शिकायत पर जाल बिछाकर पकड़े गए शर्मा को उस वक्त 500-500 रुपये के उन चार नोटों में कथित रिश्वत दी गई जिन्हें सरकार ने आठ नवंबर 2016 को बंद कर दिया था। अधिकारी ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान शर्मा की नौ जनवरी 2023 को मौत हो गई थी।
अभियोजन ने उनका मृत्यु प्रमाणपत्र एक विशेष न्यायाधीश के सामने 30 जून को पेश किया। अदालत ने इस प्रमाणपत्र के आधार पर शर्मा के खिलाफ प्रकरण की कार्यवाही समाप्त कर दी और लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया कि वह 500-500 रुपये के चार बंद नोटों को रिजर्व बैंक की संबंधित शाखा में जमा कराए और इसके बदले मिलने वाली राशि शिकायतकर्ता जारवाल को लौटाई जाए।