गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। गाजियाबाद में 20 जुलाई की रात कुछ बदमाशों ने पत्रकार विक्रम जोशी के सिर में गोली मारी थी। जिसके बाद विक्रम जोशी की इलाज के दौरान बुधवार (22 जुलाई) को गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में मौत हो गई। विक्रम जोशी ने 16 जुलाई 2020 को अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्ही बदमाशों ने विक्रम जोशी की हत्या की है।
ट्विटर पर पत्रकार विक्रम जोशी की मौत के बाद कई सारे हैशटैग चल रहे हैं। इन हैशटैग के साथ कई पत्रकारों और नेताओं ने भी ट्वीट किया है। महिला पत्रकार साक्षी जोशी ने लिखा है, ''या तो अपराधी सुधर जाएं या उत्तर प्रदेश छोड़ दें। दोनों ही नहीं हुए।हां, पत्रकार विक्रम जोशी यूपी ही नहीं दुनिया छोड़कर जरूर चले गए।''
वकील प्रशांत पटेल ने लिखा है, ''पत्रकार विक्रम द्वारा शहनूर अंसारी की नामजद शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई न करने वाले गाजियाबाद पुलिस पर भी कार्रवाई हो।
टीवी एंकर रोहित सरदाना ने लिखा है, पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के ज़िम्मेदार अकेले गुंडे नहीं हैं, वो सब हैं जो लगातार शिकायतों के बावजूद कानों में तेल डाले बैठे रहे. यूपी सरकार का पहला अजेंडा थे मनचले- ऑपरेशन मजनू - के तहत। नतीजा?
कांग्रेस नेता ने लिखा है, गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को बीच सड़क पर गोली मार दी गयी, गुनाह सिर्फ इतना है कि उन्होंने अपनी भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की रिपोर्ट थाने में लिखवाई थी।
कांग्रेस नेता आचार्या प्रमोद ने लिखा, ''गाजियाबाद में वरिष्ठ पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार में अपराधी बेहद डरे हुए हैं और यूपी छोड़ कर भाग चुके हैं। #जंगलराज।''
विनोद कापड़ी ने विक्रम जोशी पर हुए हमले का सीसीटीवी वीडियो शेयर कर लिखा, ''और ये शख्स हैं पत्रकार विक्रम जोशी , जिन्होंने चार दिन पहले कुछ लड़कों के खिलाफ भांजी के साथ छेड़खानी की FIR कराई थी। वो लड़के तो गिरफ्तार नहीं हुए लेकिन विक्रम को गोली मार दी गई। वो भी बेटी के सामने। वीडियो में बेटी भी दिख रही है। बात जंगलराज से बहुत आगे बढ़ चुकी है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता अजय कुमार ने लिखा, ये उप्र के जंगलराज का क्रूर चेहरा है।
आप नेता संजय सिंह ने कहा, गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी जी के परिवार से मिला। बहन ने बताया गोली लगने से दो घंटे पहले भाई ने SO को फोन करके मदद मांगी लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की और विक्रम पर ये जानलेवा हमला हो गया। योगी राज में न पत्रकार सुरक्षित है न आम आदमी।
बदमाशों ने गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी को सिर में गोली मार दी थी। अधिकारियों ने बताया कि जोशी ने 16 जुलाई को अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ किए जाने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जोशी को विजय नगर इलाके में उनके घर के पास सोमवार (20 जुलाई) रात करीब साढ़े 10 बजे गोली मारी गई थी।
जोशी के परिवार के एक सदस्य ने, हां, वह (विक्रम जोशी) अब जीवित नहीं हैं। जोशी ने अस्पताल में उपचार के दौरान सुबह करीब चार बजे दम तोड़ दिया। पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या मामले में यूपी पुलिस ने 10 लोगों की सूची जारी की। जिसमें से 3 आरोपी गिरफ्तार हैं, जबकि 6 को हिरासत में लिया गया है और एक फरार है।
पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा परिवार को तात्कालिक प्रभाव से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की स्वीकृति दी गई है। उनकी पत्नी के लिए योग्यता के अनुसार नौकरी की व्यवस्था की जाएगी और उनके बच्चों की निशुल्क शिक्षा का प्रबंध किया जाएगा।