ग्राहक से कैरी बैग का लिया पैसा, डोमिनोज पिज्जा पर लगा 10 लाख रु. का जुर्माना, आप भी इस कानून का ले सकते हैं सहारा

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 20, 2019 11:44 AM2019-12-20T11:44:35+5:302019-12-20T11:45:07+5:30

यहां पिज्जा आउटलेट ने पंकज चांदगोटिया नाम के ग्राहक से 13.33 रुपये कैरी बैग के लिए जमा कराए थे। इसके एवज में कंपनी के ऊपर नौ लाख अस्सी हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

Domino’s Pizza Charges Customers For Carry Bags Slapped With RS 10 Lakh Penalty | ग्राहक से कैरी बैग का लिया पैसा, डोमिनोज पिज्जा पर लगा 10 लाख रु. का जुर्माना, आप भी इस कानून का ले सकते हैं सहारा

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (Image Source: Pixabay)

Highlightsभारत में लोकप्रिय हो चुके पिज्जा ब्रांड डोमिनोज को ग्राहकों से कैरी बैग के लिए पैसे लेना महंगा पड़ा है। चंडीगढ़ में एक डोमिनोज पिज्जा आउटलेट ने ग्राहक से कैरी बैग के लिए करीब 14 रुपये लिए, इसकी भरपाई उसे लाखों रुपये चुकाकर करनी होगी।

भारत में लोकप्रिय हो चुके पिज्जा ब्रांड डोमिनोज को ग्राहकों से कैरी बैग के लिए पैसे लेना महंगा पड़ा है। चंडीगढ़ में एक डोमिनोज पिज्जा आउटलेट ने ग्राहक से कैरी बैग के लिए करीब 14 रुपये लिए, इसकी भरपाई उसे लाखों रुपये चुकाकर करनी होगी।

कानून के मुताबिक, ग्राहकों से कैरी बैग के पैसे नहीं लिए जा सकते हैं। दरअसल, माल-विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 36 की उप धारा (5) में कहा गया है कि सामान की सुपुर्दगी की सूरत में खर्च विक्रेता द्वारा वहन किया जाएगा। इस कानून का उल्लंघन करने पर विक्रेता को भारी जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ चंडीगढ़ के पिज्जा आउटलेट पर हुआ।  

एचटी की खबर के मुताबिक, पिज्जा आउटलेट ने पंकज चांदगोटिया नाम के ग्राहक से 13.33 रुपये कैरी बैग के लिए जमा कराए थे। इसके एवज में कंपनी के ऊपर नौ लाख अस्सी हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

यह धन पुअर पेशेंट वेलफेयर फंड में जमा किया जाएगा। इसके अलावा 14-14 रुपये दो ग्राहकों को लौटाने के लिए कहा गया है और साथ ही 1500 रुपये उत्पीड़न, मानसिक पीड़ा और मुकदमेबाजी के खर्च के लिए मुआवजे के तौर पर भुगतान करने के लिए कहा गया है। 

पंकज चांदगोटिया पेशे से वकील हैं। उनसे आउटलेट ने कैरी बैग के पैसे मांगे थे। इस पर उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम- II में शिकायत दर्ज कराई थी। चांदगोटिया ने अपने प्रार्थनापत्र में माल-विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 36 की उप धारा (5) का जिक्र किया था।

जब मामला चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पास पहुंचा तो आयोग ने जुबिलेंट फूड वर्क्स लिमिटेड (डोमिनोज पिज्जा की मूल कंपनी) की अपील को खारिज कर दिया और जुर्माना और मुआवजा राशि का भुगतान करने को कहा।

Web Title: Domino’s Pizza Charges Customers For Carry Bags Slapped With RS 10 Lakh Penalty

ज़रा हटके से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे