दिल्ली की महिला IAS अफसर ने ट्वीट कर बताया अपना दर्द, कहा- 'मेरे साथ ऑफिस में ही हर दिन होता है दुर्व्यवहार'
By पल्लवी कुमारी | Published: September 27, 2019 12:20 PM2019-09-27T12:20:40+5:302019-09-27T12:20:40+5:30
आईएएस वर्षा जोशी 1995 बैच की अफसर हैं। वर्षा जोशी दिसंबर 2018 से उत्तरी दिल्ली निगम की आयुक्त हैं। वह उत्तरी दिल्ली निगम में पहली महिला आयुक्त भी हैं। दरअसल, पिछले दिनों जब वह खाना खा रही थीं, एक पार्षद उनके दफ्तर में घुस गए थे।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की महिला आईएएस (IAS) अफसर ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिसको पढ़ने के बाद हर कोई हैरान है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आईएएस अफसर वर्षा जोशी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर बताया कि उनके साथ दफ्तर में हर दिन दुर्व्यवहार होता है। वर्षा जोशी ने लिखा, मैं अपने ऑफिस में ही हर दिन असुरक्षित महसूस करती हूं। आईएएस अफसर के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कमेंट कर कहा है कि यह बहुत ही बुरी स्तिथि है। लोगों का कहना है कि जब एक आईएएस अफसर के साथ ऐसा हो सकता गै कि आम महिलाओं और लड़कियों को हर दिन क्या-क्या झेलना पड़ता होगा, ये तो सोच के परे है।
आईएएस अफसर वर्षा जोशी को एक महिला ने टैग करते हुए ट्वीट किया। ट्वीट यूजर स्वाती नाम की महिला ने लिखा- ''गुड मॉर्निंग मैम, यहां ये आना-जाना काफी मुश्किल हो रहा है। यहां चौराहे पर कुछ स्थानीय लोग हुक्का और कार्ड खलते हुए कमेंट पास करते हैं। मैंने इसके बारे में पहले भी शिकायत की थी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। आपसे निवेदन है कि प्लीज इसकी ओर ध्यान दें।''
@suraiya95 Good morning mam,
— Swati (@Swati63361336) September 25, 2019
It’s very difficult for any female to pass by this street, as ppl keep sitting here to stare, have hukka n play cards all d tym of d day, have raised d issue earlier also but no action till date, kindly take immediate action for assisting your ppl. pic.twitter.com/u9B4oxjmuk
आईएएस अफसर वर्षा जोशी ने इसी ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा, देखो ये कभी ना खत्म होने वाली समस्या है। हालांकि ये पुलिस का काम है और वो इस मामले को देखेगी। लेकिन उत्तर भारत में 24 घंटे महिलाओं को इस तरह के चैलेंज फेस करने पड़ते हैं। मैं हर दिन ऑफिस में इस तरह की समस्या को झेलती हूं। अपने ऑफिस में ही मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। माहौल को खराब किया जाता है। मैं यहां असुरक्षित महसूस करती हूं। इन आदमियों को यह भी नहीं पता होता कि ये क्या कर रहे हैं। बताओ इस समस्या का क्या समाधान निकाला जाए?
While this could indeed be a matter for the police, its a challenge women face 24/7 across North India. I face it in my own office chamber- misbehaviour, entitled behaviour, and violation of my space by men who simply do not understand what they are doing. What are the solutions? https://t.co/levsfQ1INB
— Varsha Joshi (@suraiya95) September 25, 2019
इसके बाद ट्विटर पर लोग दिल्ली में महिला सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाने लगे। एक यूजर ने लिखा, पीएम मोदी जी, आप बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं का नारा देते हैं, लेकिन आप बेटी को तो तब पढ़ाओगे ना जब वह बचेगी।
@narendramodi For your Beti Bachao Beti Padhao Program. Beti jab bach jaye toh aap padhaa lena unko. Pehlee bachaa toh lo!!
— @netajireturns (@netareturns) September 26, 2019
Mam this is serious matter. compalin @DCWDelhi@SwatiJaiHind
— gaurav Pandey (@Gauravp27652822) September 25, 2019
एक यूजर महिला ने लिखा है, मर्दो की सोच कभी नहीं बदल सकती और इस सोच से महिलाओं को होने वाली परेशानियों के लिए कोई कानून भी नहीं है।
As long as mentality of men doesn't change towards women doesn't change no law can help curved this menace! & Change should start from family teachings their sons to respect women & yes Bollywood to stop objectify women.
— Fionae (@fionaeee00) September 26, 2019
एक यूजर ने लिखा, मुझे यह समझ में नहीं आता है कि अगर ऐसा मामले को सुलझाया क्यों नहीं जाता। सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं बल्कि देश के हर कोने में महिलाएं ऐसी समस्याओं का सामना कर रही हैं।
Mujhe ye nhi samjh me aata agar hum aise matter solve nhi kar skte ya women's ko her roj aisi problem face karni padti hai in all over india not especially in north .so how we can be sure ki hum other country se war me jeet jaayenge jab humse apne desh ki problem solve nhi ho rhi
— Aakash upadhyay (@Aakash920566) September 27, 2019
आईएएस वर्षा जोशी 1995 बैच की अफसर हैं। वर्षा जोशी दिसंबर 2018 से उत्तरी दिल्ली निगम की आयुक्त हैं। वह उत्तरी दिल्ली निगम में पहली महिला आयुक्त भी हैं। दरअसल, पिछले दिनों जब वह खाना खा रही थीं, एक पार्षद उनके दफ्तर में घुस गए थे।