सोशल मीडिया पर इन दिनों झारखंड की राजधानी रांची की एक लड़की ऋचा भारती छाई हुई हैं। ट्विटर पर #RichaBharti ट्रेंड कर रहा है। ऋचा भारती एक धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जेल में बंद थी। 19 वर्षीय ऋचा भारती पिठोरिया के सोनार मोहल्ला की रहने वाली हैं। सोमवार( 16 जुलाई) को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की कोर्ट ने ऋचा भारती को एक अजीबो-गरीब सजा देते हुये सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि अगर ऋचा भारती कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करती हैं तो उनकी जमानत रद्द कर दी जायेगी। इस सजा मिलने के बाद से ही ऋचा भारती सोशल मीडिया चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
ऋचा भारती को सजा सुनाते हुये जज ने कहा है कि आरोपित को 15 दिनों के अंदर पांच कुरान बांटना होगा। सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद सोमवार को ऋचा जेल से बाहर आ गई है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक कुरान की एक प्रति शिकायतकर्ता सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया व अन्य चार प्रति रांची के सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज या स्कूलों में बांटनी होगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि कुरान की प्रति बांटने के दौरान रांची पुलिस को उचित सुरक्षा मुहैया कराने होंगे।
सोशल मीडिया पर लोग जज के फैसले और ऋचा भारती के बारे में #RichaBharti के साथ ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
आखिर ऋचा भारती को क्यों भेजा गया था जेल
12 जुलाई को को ऋचा के खिलाफ सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि ऋचा भारती पिछले कई दिनों से अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक औक व्हाट्सअप पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही हैं और उसको प्रमोट भी कर रही हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि ऋचा की हरकत से क्षेत्र में कभी भी धार्मिक भावना भड़क सकती है। एफआईआर दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर ऋचा भारती को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल भेजे जाने के बाद लगातार हिंदू संगठनों द्वारा ऋचा भारती के समर्थन में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था।
कुरान बांटने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगी ऋचा भारती
कोर्ट के फैसले पर ऋचा भारती ने कहा है कि वो इस फैसले के खिलाफ रॉंची हाईकोर्ट जायेंगी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऋचा ने कहा है वह कुरान बांटने नहीं जा रही हैं। हमारा परिवार निचली अदालत के इस फैसले पर विचार कर रहा है।
ऋचा भारती ने कहा, 'मैं कोर्ट का आदेश नहीं मानने जा रही हूं। आज मुझे कुरान बांटने के लिए बोल रहे हैं, कल बोलेंगे इस्लाम स्वीकार कर लो, नमाज पढ़ लो, कुछ और कर लो। यह कहां तक जायज है।'