कोरोना वायरस: लोगों के बीच फैली कई अफवाहें, कोई सिंदूर का खेल-खेल रहा है तो कोई माता दुर्गा की किताब में उनका बाल खोज रहा
By एस पी सिन्हा | Published: March 26, 2020 06:00 PM2020-03-26T18:00:28+5:302020-03-26T18:00:28+5:30
लोगों ने अफवाह फैला दी कि कोरोना के कहर से बचना है तो महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाएं. साथ ही अपनी संतानों को भी इसका टीका लगाएं. जो ऐसा नहीं करेगा, उसके घर में अनहोनी का खतरा होगा.
पटना: कोरोना वायरस के खतरे के बीच बिहार-झारखंड में लोगों के बीच तरह तरह की अफवाहें फैलायी जा रही हैं. कहीं कोई सिंन्दुर का खेल खेल रहा है तो कहीं दुर्गा सप्तशती पाठ पुस्तक के हरेक पन्ना में माता की आंख के पलक की बाल मिलने की अफवाह फैलाने में लगा है. यही नही कई गांवों में आटे के दीपक में घी का दीपक दरवाजे पर जलाने और कपूर व लौंग को शरीर में बांधने का भ्रम फैला खतरे से बचने की सलाह देने में लगा हुआ है.
इसी कडी में बिहार में बेगूसराय जिले के अलावे अन्य जिलों से एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है. जहां किसी ने अफवाह फैला दी कि महिलाओं को एक-दूसरे को सिंदूर लगाना है, वर्ना घर में अनहोनी हो जायेगी. इसके बाद महिलाओं में एक-दूसरे को सिंदूर लगाने की होड लग गई. लोगों ने अफवाह फैला दी कि कोरोना के कहर से बचना है तो महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाएं. साथ ही अपनी संतानों को भी इसका टीका लगाएं. जो ऐसा नहीं करेगा, उसके घर में अनहोनी का खतरा होगा. इसके बाद पूरे नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में एक-दूसरे को सिंदूर लगाने की होड मच गई. महिलाएं घर छोड कर निकल गईं.
इलाके की हर महिला घर-घर जाकर एक दूसरे को सिंदूर लगाने लगीं. इस अफवाह से अफरा-तफरी का भी माहौल बन गया. रातभर लोग एक दूसरे को सिंदुर लगाने के लिए गांव-गांव दौडते रहे. इसीतरह झारखंड की राजधानी रांची के आसपास के ईलाकों में भी देखा गया, जहां सिंदुर लगाने की होड़ मची रही.
सिंदुर लगाने की होड का मामला अभी थमा भी नही था कि कुछ देर बाद फिर अफवाह फैला दी गई की दुर्गा सप्तशती पाठ पुस्तक के हरेक पन्ना में माता का बाल व आंख की पलक उनके कृपा से मिल रहा है. जिसको लेकर शालू कपडा पर रख गंगाजल तथा धूप दीप से पूजा अर्चना की जाने की बात कही गई. इसके बाद घर के सभी सदस्यों को पीला देने की सलाह दी गई. कहा गया कि किसी पंडित को सपने में आकर दुर्गा मात ने यह आदेश दिया है. फिर क्या था ह्वाट्स ग्रुप में यह मामला दौर पडा. भागलपुर सहित कई जिले इसके चपेट में आ गये और लोग दुर्गा सप्तशती की किताब के पन्ने पलटने लगे. किसी ने कहा कि हां मिला है और उस प्रक्रिया को किया गया है. इस संवाददाता के घर में भी यह बातें की जाने लगीं. हालांकि, कुछ लोगों ने इसे एक मात्र अफवाह होना बताया. जबकि, कुछ ने अफवाह पर बगैर ध्यान देकर इसका उपयोग करने लग गये.
इसके अलावे कई जिलों में आटे से बनी दीपक में घी का दिया जलाने की अफवाह फैला दी गई. कहा गया कि इससे वायरस उनके घर में प्रवेश नही करेगा. इसके बाद यह गांव-गांव होड मच गई. लोग अपनी-अपनी दरवाजे पर गाय के घी का दीपक जलाने लगे. देखते-देखते माहौल दिवाली जैसा हो गया. यही नही यह भी कहा गया कि शरीर में कपूर और लौंग को बांधने से वायरस शरीर में नही सटेगा. अब यह अभी पूरे जोर-शोर से आजमाया जा रहा है.
महिलायें पुरूष सदस्य सहित घर के हर व्यक्ति को कपूर और लौंग बंधवाने में जुटी हुई हैं. हालात ऐसे हैं कि तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. अफवाह फैलते हीं गांव की महिलायें यहां तक कि शहर में भी रह रही महिलायें इन टोटकों को आजमाने में जुट जा रही हैं. हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर अधिकारियों के द्वारा इस प्रकार की झूठी अफवाह पर लोगों को ध्यान नहीं देने की सलाह दी जा रही है. बावजूद इसके लोग इसे अपने तहर से व्याख्या कर इसे अंजाम देने में जुट जा रहे हैं.