मिड-डे-मील में निकले कीड़ों पर प्रिंसिपल ने छात्रों से कहा, ‘कीड़े विटामिन का स्रोत्र होते हैं, चुपचाप खा लो’
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 13, 2022 05:49 PM2022-11-13T17:49:12+5:302022-11-13T17:55:33+5:30
बिहार के वैशाली जिले के एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय में छात्रों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील में कीड़े वाले भोजन मिलने पर स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि कीड़ों में विटामिन होता है, खा लो खामोशी से।
वैशाली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बीते दिनों शिक्षक दिवस के मौके पर किये गये बड़े-बड़े दावे की उस समय हवा निकली हुई दिखाई दी, जब वैशाली जिले के एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय में छात्रों को परोसे जाने वाली मिड-डे-मील में कीड़े वाले भोजन दिये जाने की शिकायत सामने आ रही है। इतना ही नही, आरोप तो यह भी लगाया जा रहा है कि जब छात्रों ने मिले हुए खराब खाने की शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से की तो उन्होंने बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना तरीके से जवाब दिया।
छात्रों का आरोप है कि वो कीड़े वाले भोजन को लेकर प्रिंसिपल से शिकायत करने के लिए गये तो उन्होंने कोई एक्शन लेने की बजाय उल्टा बच्चों स कहा, ‘कीड़ों में विटामिन होता है, चुपचाप खा लो।’ लेकिन उसके बाद भी जब बच्चों ने उस गंदे खाने को खाने से इनकार कर दिया तो स्कूल के प्रिंसिपल और मास्टर ने बर्बरता की सारी हदों को पार करते हुए बच्चों को खाना न खाने के पिटा, जिसमें कथिततौर से एक छात्रा का हाथ टूट गया है।
इस घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रर्दर्शन किया और प्रशासन से मांग की कि वो आरोपी स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षक के खिलाफ कड़ा एक्शन लें। वहीं स्कूल में मिड-डे-मील के खराब खाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए वैशाली जिला शिक्षा विभाग एक कमेटी बनाकर मामले की जांच की बात कर रहा है।
जानकारी के अनुसार यह घटना वैशाली जिले के लालगंज अततुल्लाहपुर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की है। घटना के संबंध में छात्रों का कहना है कि भोजनावकाश में जब सभी लड़के मिड-डे-मील खाने के लिए एक कतार में बैठे तो रसोइये ने उन्हें थाली में चावल दिया. जिसमें उपती सतह पर ही कीड़े नजर आ रहे थे। चावल में कीड़ों को देखकर कुछ छात्र भोजन की कतार से खड़े हो गये और थाली लेकर स्कूल के प्रिंसिपल के पास पहुंचे। बच्चों ने थाली में दिखाई देते कीड़ों की ओर इशारा करते हुए प्रिंसिपल मोहम्मद मिसवाउद्दी से शिकायत की।
आरोप है कि प्रिंसिपल मिसवाउद्दी ने बच्चों की शिकायत पर एक्शन लेने की बजाय उनसे कहा कि, "कीड़े में बहुत पोषण होता है और वो विटामिन के स्रोत्र हैं, इसके लिए उन्हें चुपचाप खाना खा लेना चाहिए।"
प्रिंसिपल जियाउद्दीन के इस जवाब को सुनकर छात्रों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने खाना खाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद प्रिंसिपल मिसवाउद्दी ने स्वयं एक अन्य शिक्षक के साथ नाराज छात्रों की पिटाई करने लगे। इसी पिटाई में एक छात्रा बुरी तरह से चोटिल हो गई और उसका हाथ फैक्चर हो गया। जिसके बाद छात्रा के परिजनों ने स्कूल में प्रिंसिपल मिसवाउद्दी के खिलाफ जमकर हंगामा और विरोध-प्रदर्शन किया।
उसके बाद यह मामला वैशाली जिला शिक्षा विभाग पहुंचा, जहां वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए फौरन वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में एक टीम तैयार करके स्कूल में भेजी और पूरी घटना की जांच करा रहे हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस छात्रा का हाथ टूटा है, उसकी मेडिकल रिपोर्ट सामने आयी है। जांच टीम सभी पहलूओं को साथ लेकर गंभीरता से मामले की पड़ताल कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।