ओडिशा रेल हादसा: पटरियों पर मिली हवा में फड़फड़ाते पन्नों पर प्रेम कविताएं, सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल, पढ़कर लोगों की आखें हुई नम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2023 09:47 AM2023-06-05T09:47:19+5:302023-06-05T09:47:52+5:30

ओडिशा रेल हादसा: पटरियों पर मिली हवा में फड़फड़ाते पन्नों पर प्रेम कविताएं, सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल, पढ़कर लोगों की आखें हुई नम
कोलकाता: बालासोर ट्रेन हादसे के बाद आंशिक तौर पर रेल सेवा इस रूट पर फिर शुरू कर दी गई लेकिन पटरियों पर हादसे के निशान अभी साफ नजर आते हैं। रविवार को मुसाफिरों का सामान इधर उधर फैला पड़ा नजर आया। पटरियों के बीच एक डायरी भी पड़ी थी.... हवा के साथ डायरी के पन्ने फड़फड़ाते हैं....पन्नों पर किसी के लिए, किसी ने पैगाम ए मुहब्बत लिखा था। अब हादसे के बाद ये पैगाम उस तक कभी नहीं पहुंच पाएगा जिसके लिए बांग्ला में किसी ने अपने हाथ से ये कविताएं लिखी थीं।
डायरी के एक फटे पन्ने पर एक तरफ हाथियों, मछलियों और सूरज के रेखा चित्र बने हैं। सफर में किसी यात्री ने खाली वक्त में इन्हें लिखा होगा। हालांकि इस मुसाफिर की पहचान अब तक पता नहीं हो सकी है।
बंगाली में लिखी है प्रेम कविता
बंगाली में लिखी ये कविता कुछ इस तरह से है, ‘ अल्पो अल्पो मेघा थाके, हल्का ब्रिस्टी होय, चोटो चोटो गोलपो ठेके भालोबासा सृष्टि होय" (ठहरे ठहरे बादलों से बरसती हैं बूंदे, जो हमने तुमने सुनी थी कहानियां, उनमें खिलती हैं मुहब्बत की कलियां)।
इन पन्नों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। एक और अधूरी कविता लिखी है, 'भालोबेशी तोके चाई साराखोन, अचिस तुई मोनेर साठे... (मुझे हर वक्त तुम्हारी जरूरत है, हर वक्त मेरे दिल-ओ-दिमाग में तुम ही छाई हो)।'
"ভালবাসা এই মন তোকে চায় সারাক্ষণ,
— KB (@KbSundarmyth) June 3, 2023
আছিস তুই মনের মাঝে...
পাশে থাকিস সকাল সাঁঝে।"
Lives perish,Love lives😢A Bengali love-poem,written on a copy with sketches,was found at Balasore horrific #RailAccident site.Writer is still unknown,even not clear whether He/She is alive or not. pic.twitter.com/NGZ6rnMTGW
सोशल मीडिया पर लोगों ने इन कविताओं पर कहा कि किसी के प्रेम में डूब कर लिखी गई ये पंक्तियां दिल को चीरने वाली हैं, ओह ! जिंदगी कैसी पहेली है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब तक इस डायरी पर दावा करने कोई नहीं आया है। लिखने वाले के साथ क्या हुआ ? इसकी भी जानकारी नहीं है।
(भाषा इनपुट)