मजबूत इरादेः 102 वर्षीय महिला अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए बेचती है सब्जियां, पांच दशक से कर रही है ये काम

By भाषा | Updated: June 4, 2022 22:41 IST2022-06-04T22:13:08+5:302022-06-04T22:41:17+5:30

पश्चिम बंगाल के पूर्बा मेदिनीपुर जिले के जोगीबेर्ह गांव की रहने वाली लक्ष्मी मैती रोजाना सुबह चार बजे कोलाघाट से थोक में सब्जियां खरीदती हैं और उन्हें रिक्शा में लदवाकर एक स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए जाती हैं। 

102 year old woman sells vegetables to help family | मजबूत इरादेः 102 वर्षीय महिला अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए बेचती है सब्जियां, पांच दशक से कर रही है ये काम

मजबूत इरादेः 102 वर्षीय महिला अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए बेचती है सब्जियां, पांच दशक से कर रही है ये काम

Highlights48 साल पहले पति की मौत के बाद उठानी पड़ी आर्थिक परेशानीरोजाना सुबह चार बजे कोलाघाट से थोक में सब्जियां खरीदती हैंफिर सब्जी को रिक्शा में लदवाकर एक स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए जाती है

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की 102 वर्षीय लक्ष्मी मैती के लिए उम्र महज एक संख्या है, जो अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पिछले पांच दशकों से सब्जियां बेचने का काम कर रही हैं। इस उम्र में भी काम करने की अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और हौसले के जरिए लक्ष्मी मैती लोगों के लिए एक मिसाल बनी हुई हैं।

पश्चिम बंगाल के पूर्बा मेदिनीपुर जिले के जोगीबेर्ह गांव की रहने वाली लक्ष्मी मैती प्रत्येक दिन सुबह चार बजे कोलाघाट से थोक में सब्जियां खरीदती हैं और उन्हें रिक्शा में लदवाकर एक स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए जाती हैं। 

लक्ष्मी ने अपनी परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए कहा, ''लगभग 48 साल पहले मेरे पति की मृत्यु के बाद, हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई दिनों तक बिना भोजन के रहना पड़ा। इसके बाद घर चलाने के लिए मैंने सब्जी बेचने का काम शुरू किया। उस समय मेरा बेटा केवल 16 साल का था। उन दिनों जब मैं कभी बीमार हो जाती थी तो हमें अपनी बुनियादी जरुरतों को पूरा करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। 

हालांकि, मैंने हमेशा से पूरी कोशिश की है कि मैं अपने परिवार की जरुरतों को पूरा कर सकूं।'' हालांकि, पिछले एक दशक में गैर-सरकारी संगठन हेल्पएज इंडिया के समर्थन की बदौलत लक्ष्मी मैती की परिस्थिति में सुधार हुआ है, जिसने बुजुर्ग महिलाओं के लिए ईएसएचजी (बुजुर्ग स्वयं सहायता समूह) योजना शुरू की है। 

गैर-सरकारी संगठन हेल्पएज इंडिया की मदद से लक्ष्मी के घर की स्थिति में भी सुधार आया है और उसके घर में अब नयी साज-सज्जा और एक टेलीविजन सेट भी है। लक्ष्मी ने कहा, ''हमारी स्थिति आठ साल पहले बेहतर हुई जब एनजीओ ने मेरे बेटे के लिए चाय-नाश्ता वेंडिंग व्यवसाय स्थापित करने के लिए हमें 40,000 रुपये का ऋण प्रदान किया।'' लक्ष्मी मैती के 64 वर्षीय बेटे गौर ने गर्व के साथ कहा कि उनकी मां देवी दुर्गा का अवतार हैं। 

गौर ने कहा, ''मेरी मां ने न केवल मेरा बल्कि मेरे बच्चों का भी पालन-पोषण किया। उसने मेरी बेटी की शादी का भी खर्च उठाया, हमें एक पक्का घर दिलाया, और अपना कर्ज भी चुकाया। ज्यादातर मामलों में एक बेटा अपनी बूढ़ी मां की देखभाल करता है। हालांकि, मेरी मां कभी मुझ पर निर्भर नहीं रहीं, वह फौलादी इरादों वाली एक महिला हैं।''

Web Title: 102 year old woman sells vegetables to help family

ज़रा हटके से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे