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जिस वुहान लैब पर कोरोनावायरस लीक का शक उसे ट्रंप सरकार से मिली करोड़ों की मदद !

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 14, 2020 12:08 AM2020-04-14T00:08:33+5:302020-04-14T00:08:33+5:30

इस वक्त पूरा दुनिया कोरोना के जंग लड़ रही. फिलहाल इसका इलाज ढूंढा जा रहा और ये भी जानने की कोशिश हो रही है कि ये वायरस आया कहां से. इस सवाल के जवाब में दुनिया लगी है लेकिन अब सवाल चीन के एक प्रतिष्ठित संस्थान पर उठने लगे हैं. 64 साल पुराने इस प्रतिष्ठित संस्थान का नाम वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी है. इतना ही नहीं इसके तार अमेरिका से भी जुड़ा होने का दावा किया जा रहा है.  ब्रिटिश मीडिया संस्थान द डेली मेल ने चीन की इस लैब के अमेरिकी कनेक्शन का खुलासा करते हुए कहा कि चीनी प्रयोगशाला और अमेरिकी सरकार के धन का उपयोग गुफाओं से चमगादड़ों पर शोध करने के लिए करती रही है, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यही घातक कोरोना वायरस प्रकोप का मूल स्रोत है. 

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने युन्नान में 1,000 मील से अधिक दूरी पर मौजूद स्तनधारियों पर कोरोनोवायरस प्रयोग किए, जिन्हें अमेरिकी सरकार से 3.7 मिलियन डॉलर अनुदान द्वारा वित्त पोषित किया था. वायरोलॉजी विज्ञान की वह शाखा है जिसमें  प्रोटीन के खोल वाले सबमाइक्रोस्कोपिक, पैरासाइट और वायरसों कणों पर रिसर्च की जाती है. 

COVID-19 जीनोम की सीक्वेंसिंग ने इसे युन्नान की गुफाओं में पाए जाने वाले चमगादड़ों में खोज निकाला है, लेकिन पहले सोचा गया था कि ये वुहान के एक पशु बाजार से मनुष्यों में हस्तांतरित हुआ था.

डेली मेल ने अपनी खबर रिवील्ड नाम के शीर्षक से खबर छापी है. खबर में दावा किया गया है कि यह फंडिंग पिछले 10 साल से जारी थी. मतलब वर्तमान सरकार से लेकर ओबामा तक की सरकारों में भी फंडिग जारी थी. 
 

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