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मरकज़ कोरोना कांड : आरोप हैं, सफाई है लेकिन दोषी कौन ?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 31, 2020 11:46 PM2020-03-31T23:46:01+5:302020-03-31T23:46:01+5:30

कोरोना संकट के बीच हर तरफ तब्लीगी जमात और मरकज की चर्चा हो रही है. उस पर देश भर में कोरोना फैलाने के इल्ज़ाम लग रहे हैं.   जमात की अगुवाई करने वाले मौलाना साद और अन्य के खिलाफ एपिडेमिक डीजीज़ एक्ट 1897 के तहत सरकारी आदेश की अवहेलना का मामला दर्ज कर लिया गया है. इन इल्ज़ामों पर तब्लीगी जमात के मुख्यालय मरकज निज़ामुद्दीन ने सफाई देत हुए कहा कि उसने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है. उसने अपने कैंपस में क्वारंन्टीन सेंटर स्थापित करने की भी पेशकश की है. मरकज ने एक बयान में कहा कि वह प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करेगा. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि दिल्ली में कोरोना के 97 मामलों में से 24 मामलों का संबंध मरकज़ से है .  मरकज ने कानूनी कार्रवाई के दिल्ली सरकार के निर्देश का हवाला देते हुए कहा, हमने लोगों को आईएसबीटी या सड़कों पर नहीं जाने देकर चिकित्सा दिशानिर्देश का उल्लंघन नहीं होने दिया. 

मरकज के मुताबिक वह चाहता है कि उसके पूरे परिसर को क्वारन्टीन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जाए. मरकज ने अपने बयान में कहा कि जब जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, तो बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे. 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया तो उसी दिन मरकज बंद कर दिया गया. बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया. मरकज ने कहा, '''जो लोग मरकज में रह रहे थे उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा.  21 मार्च से ही रेल सेवाएं बन्द होने लगी थी, इसलिए बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल था. इसके बावजूद दिल्ली और आसपास के करीब 1500 लोगों को घर भेजा गया. करीब 1000 लोग मरकज में बच गए थे. 
 

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