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Farmers Protest: Rakesh Tikait के आंसुओं से गाजीपुर में रातोरात पलट गई बाजी, जुटने लगे समर्थक!

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: January 29, 2021 12:19 PM2021-01-29T12:19:22+5:302021-01-29T12:19:53+5:30

गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड रैली में हुई हिंसा के बाद कमजोर नजर आने लगे किसान आंदोलन में नया मोड़ा आता दिख रहा है। गुरुवार को राकेश टिकैत सहित कई अन्य किसान नेताओं पर प्रशासन का शिकंजा कसता नजर आ रहा था। वहीं कई किसानों के घर लौटने की भी खबरें आने लगी थी।हालांकि, शाम को भावुक राकेश टिकैत की बातों के बाद एक बार फिर किसान आंदोलन में यू-टर्न आ गया है। प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रात तक हटने का अल्टीमेटम दिया था.  

 

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने प्रदर्शनकारियों से धरना स्थल खाली करने का आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में जहां भी किसान धरना प्रदर्शन हो रहा है उसे तत्काल प्रभाव से खत्म कराया जाए।

 

 जबकि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया कि वे आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे भले ही प्रशासन कोई भी कदम उठा ले।रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार राकेश टिकैत के टीवी पत्रकारों से बात करते हुए भावुक हो जाने के दृश्यों के बाद किसान आंदोलन में ट्विस्ट आया है। राकेश टिकैत ने अपने भाषण में आत्महत्या की भी धमकी दी थी। राकेश टिकैत का ते रोने वाला विडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसके बाद देर रात हरियाणा और पश्चिमी यूपी के अलग-अलग हिस्सों से रात में ही किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर की तरफ कूच कर दिया. 

 

वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में तैनात पुलिसबल में भी कमी की गई। पीएसी जवानों को भी गाजीपुर बॉर्डर से हटाया गया। इससे पहले दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद पुलिस की ओर से गुरुवार देर शाम बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था और ऐसा लगने लगा था कि धरना स्थल प्रशासन खाली करा सकता है।

 

फ़िलहाल ताज़ा जानकारी के मुताबिक गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. केंद्र सरकार ने गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस फोर्स की तैनाती का समय बढ़ा दिया है. बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात रहेगी. रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियों की तैनाती 4 फरवरी तक बढ़ाई गई है. पहले तैनाती सिर्फ 28 जनवरी तक ही थी, तैनाती किसान आंदोलन के मद्देनजर ही की गई है. इस बीच राकेश टिकैत बोले- किसानों को बदनाम करने की साजिश, आंदोलन जारी रहेगा


राकेश टिकैत ने कहा, ''यह पूरा घटनाक्रम किसानों के साथ बड़ी साजिश है, यह किसानों को बदनाम करने की साज़िश है. हम भारत सरकार से बात करने को तैयार हैं. जो नोटिस मिला है उसका जवाब दे देंगे. आंदोलन चालू रहेगा, पूरे देश में महापंचायत चल रही हैं.''

 

मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत
दूसरी ओर गाजीपुर के हालात को देखते हुए मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के समर्थन में महापंचायत बुलाई गई है। जिंद में भी देर रात किसानों ने सड़क जाम कर दिया। हरियाणा में कुछ और जगहों से इस मामले के बाद उग्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। 

 

हालात को देखते हुए पुलिस को पीछे हटना पड़ा। बता दें कि भावुक होते हुए टिकैत ने कहा था, 'यहां अत्याचार हो रहा है, लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। ये कानून वापस होंगे। यदि ये कानून वापस नहीं हुए तो राकेश टिकैत आत्महत्या करेगा।'

 

राजनीतिक दलों का समर्थन
इस बीच किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर कांग्रेस, आरएलडी समेत कई दूसरे दलों के नेताओं ने अपना समर्थन दिया है। गुरुवार शाम जयंत चौधरी का बयान आया।
 

उन्होंने राकेश टिकैत और भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से बात की। रात में करीब पौने आठ बजे के बाद जयंत चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी। जयंत चौधरी ने कहा, 'चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है। यह संदेश चौधरी साहब ने दिया है।'

 

राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, 'यह साइड चुनने का साइड चुनने का समय है। मेरा फैसला साफ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं।' राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''PM हमारे किसान-मज़दूर पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं. फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा.'

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