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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की 'द बीस्ट' क्यों है इतनी खास, देखें वीडियो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 25, 2020 03:00 PM2020-02-25T15:00:34+5:302020-02-25T15:00:34+5:30

अमेरिकी दो दिनों के भारत दौरे पर हैं. और उनके संग पूरा लाव लश्कर है. साथ में वो भी आई है जिसे द बीस्ट कहते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए खास तौर पर डिजाइन की गई इस लिमोजिन कार की कीमत 10 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बताई जाती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेहद खास बख्तरबंद लिमोजिन कार को ‘द बीस्ट’ कहा जाता है.  आठ इंच मोटी बख्तरबंद दीवार वाली बीस्ट की खिड़कियां बुलेटप्रुफ हैं. कार द बीस्ट किसी किले से कम नहीं हैं.  ये काली बीस्ट हर राष्ट्रपति की पसंद जरूरतों की के हिसाब से डिज़ाइन होती है. द बीस्ट बम प्रूफ है. न्यूक्लियर अटैक और केमिकल अटैक से राष्ट्रपति की रक्षा करती है. मतलब अभेद्य किला.  

अमेरिकी राष्ट्रपतियों की हर विदेश यात्रा में द बीस्ट साथ रहती हैं. इस ट्रंप की यात्रा से एक हफ्ते पहले ही द बीस्ट भारत आ चुकी थी. द बीस्ट की बाडी भी खास है एक दम लोहा. 5  इंच मोटी मिलिट्री ग्रेड मटेरियल से बनी द बीस्ट की बॉडी.  जिसमें लगता है स्टील टाइटेनियम , एल्युमिनियम और सोरामिक्स. इस गाड़ी के चेसी ऐसी स्टील प्लेट से बनती है जो बम धमाके में इस कार को बचा लेता है.  बीस्ट के अंदर हर वक्त आंसू गैस शॉट गन के अलावा किसी अनहोनी के वक्त राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप वाला खून भी मैजूद रहता है. इस गाड़ी के अंदर ऐसे टायर लगे हैं कि जो फट जाने पर काम करते हैं. अगर दुश्मन द बीस्ट के प्यूल टैंक को निशाना बनाना चाहे तो उसकी कोशिश बेकार जाएगी  फ्यूल टैंक पर खास तौर से तैयार स्पेशल फोम वाला टैंक. अगर आपको लगता है कि इस दरवाज़ों पर लगे शीशे उनका क्या तो बता दें कि पॉलिकॉर्बेनेट से तैयार 5 लेयर वाले बुलेट प्रूफ शीशे हैं ये. कोई गोली इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती . द बीस्ट की ड्राईवर सीट वाली खिड़की ही खुलती है वो भी सिर्फ 3 इंच. 

बीस्ट का ड्राईवर हमेशा जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से जुड़ा रहता है. जिसे ट्रेनिंग देती है अमेरिकी की सीक्रेट सर्विस. ये ड्राइवर खास होता है हर मुश्कलि कंडीशन को हैंडल करने में माहिर. द बीस्ट काड्राईवर इसे 180 ड्रिग्री तक मोड़ सकता है. द बीस्ट को बेहद खास अमेरिकी कमांडो चलाता है. ये कमांडो के लगभग हर तरह के हथियार चलाने की ट्रेनिंग होती है. आमने सामने की लड़ाई के अलावा ये कमांडो हर कला में भी ट्रेंन्ड होता है. उसे ऐसी ट्रेनिंग मिलती है कि वो हर कंडीशन में कार को ड्राइव कर सके. 

द बीस्ट ऐसे डिजाइन किया गया है कि इसकी हर सीट एक केबिन में बदल सकती है. जिन्हें खास कांच दीवारों से अलग-अलग केबिन में बांटा जा सकता है. द बीस्ट में  कार में ड्राइवर के अलावा छह-सात लोगों के बैठने की जगह होती है. द बीस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति के पास कई तरह के रिमोट कंट्रोल होते हैं.  प्रेसिडेंट की सीट के पास ही ही सैटेलाइट फोन होता है जिससे वो सीधे पेंटागन और उपराष्ट्रपति से कभी भी बात  कर सकते हैं.  द बीस्ट में एक पैनिक बटन और इमरजेंसी के वक्त ऑक्सीजन सप्लाई का भी एक कंट्रोल बटन होता है. कार की सीटों को कांच के केबिन में बदलने का कंट्रोल बटन भी प्रेसिडेंट पास ही होता है.

 आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के काफिले में 14 से लेकर 25 गाड़ियां चलती हैं. लेकिन अमेरिकी प्रेसिडेंट कैडिलैक वन यानी द बीस्ट से ही सफर करते हैं. इस काफिले में दो एक जैसी लिमोजिन गाड़िया होती है जिससे ये पता करना लगभग नामुमकिन होता है कि राष्ट्रपति किस गाड़ी में हैं.

 

 

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