उत्तर प्रदेश: पुलिस को मिली गैंगस्टर संजीव जीवा हत्या के आरोपी की रिमांड, तीन दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में रहेगा विजय यादव
By अंजली चौहान | Published: June 15, 2023 02:10 PM2023-06-15T14:10:50+5:302023-06-15T14:13:22+5:30
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के करीबी सहयोगी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को 7 जून को लखनऊ सिविल कोर्ट में गोली मार दी गई थी। हत्याकांड के आरोपी विजय यादव को पुलिस ने तुरंत पकड़ लिया।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने गैंगस्टर संजीव जीवा हत्याकांड के आरोपी को वजीरगंज पुलिस की तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया। अब तीन दिनों के लिए पुलिस आरोपी से पूछताछ करेगी।
हालांकि, पुलिस ने कोर्ट से पांच दिन की रिमांड मांगी थी। मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट हरिकेश पांडे ने 15 जून सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे, 17 जून को रिमांड मंजूर की।
गौरतलब है कि गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के आरोप में 25 वर्षीय विजय यादव उर्फ आनंद यादव को गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल, पिछले बुधवार को लखनऊ में अदालत परिसर में संजीव माहेश्वरी पर गोली चलाने के तुरंत बाद विजय यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था। माहेश्वरी की मौके पर ही मौत हो गई।
इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए गए। विपक्ष द्वारा सरकार पर हमला बोला गया और सवाल उठाए गए कि कैसे पुलिस कस्टडी में ही आरोपी को एक हत्यारा गोली मार के चला जाता है।
इसके बाद हत्या की जांच के लिए यूपी पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान हमलावर विजय यादव ने कहा कि उसे महेश्वरी को मारने के लिए एक असलम से पैसे की पेशकश की गई थी, जिससे वह हाल ही में नेपाल में मिला था। विजय यादव ने कहा कि असलम का भाई आतिफ, जो लखनऊ जेल में बंद है, महेश्वरी द्वारा "प्रताड़ित" किया गया था।
विजय के अनुसार, असलम ने उसे बताया कि संजीव माहेश्वरी जेल में उसके भाई आतिफ को परेशान कर रहा था और उसने एक बार उसकी दाढ़ी खींच ली थी।
विजय यादव ने पुलिस को यह भी बताया कि असलम ने उसे 20 लाख रुपये देने की पेशकश की अगर वह संजीव माहेश्वरी को खत्म कर देता है मामले में शामिल एक अधिकारी जांच ने कहा।
विजय यादव द्वारा बताई गई जानकारी के आधार पर एसआईटी अब आतिफ और असलम का ब्योरा जुटा रही है। मालूम हो कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के करीबी सहयोगी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को 7 जून को लखनऊ सिविल कोर्ट में गोली मार दी गई थी।
अधिकारियों ने बाद में बताया कि जीवा ने दम तोड़ दिया था। जीवा पर 1997 में भाजपा नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप लगाया गया था और मामले की सुनवाई के लिए उसे अदालत में लाया गया था।
वह कई कुख्यात गिरोहों में शामिल था और लगभग तीन दशकों तक कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहा। इसके बाद वह गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का सक्रिय सदस्य था।