अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस ले रही हिंदू पंचांग का सहारा, सभी थानों में भेजे गए कैलेंडर; जानें वजह
By अंजली चौहान | Published: August 21, 2023 03:39 PM2023-08-21T15:39:30+5:302023-08-21T15:41:52+5:30
पुलिस प्रमुख विजय कुमार ने कहा है कि राज्यव्यापी आकलन में अमावस्या से एक सप्ताह पहले और उसके बाद के सप्ताह में अपराध की उच्च दर की ओर इशारा किया गया है।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश में अपराध रोकने के लिए पुलिस हिंदू पंचांग का सहारा ले रही है। यूपी पुलिस प्रमुख द्वारा सभी थानों के लिए आदेश जारी किया गया है कि थानों में हिंदू कैलेंडर की तारीखों के अनुसार अपराध का मानचित्रण और ट्रैक तैयार किया जाए।
गौरतलब है कि इसी साल जून में कार्यवाहक डीजीपी बने विजय कुमार ने कहा कि राज्यव्यापी मूल्यांकन में अमावस्या से एक सप्ताह पहले और उसके बाद के सप्ताह में अपराध की उच्च दर की ओर इशारा किया गया है।
पुलिस का कहना है कि राज्य में हत्या, लूट, चौरी और महिलाओं के खिलाफ अपराध की ज्यादातर घटनाएं कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि से एक हफ्ते पहले और एक हफ्ते बाद हो रही है।
रात के समय निगरानी के आदेश
पुलिस प्रमुख का परिपत्र जिला पुलिस विंग को हिंदू कैलेंडर के अनुसार अंधेरी रातों के पखवाड़े को चिह्नित करने का निर्देश देता है। जिला पुलिस बलों को निगरानी बढ़ाने और इन रातों में प्राप्त अपराध अलर्ट पर बारीकी से नजर रखने के लिए कहा गया है।
सर्कुलर में कहा गया है कि इन इनपुट का उपयोग अपराध हॉटस्पॉट की पहचान करने और अधिक प्रभावी पुलिसिंग के लिए किया जाना चाहिए। राज्य पुलिस प्रमुख ने कहा कि हॉटस्पॉट की पहचान करने की यह कवायद राज्य के प्रत्येक पुलिस स्टेशन के स्तर तक की जानी चाहिए।
परिपत्र में कहा गया है कि आपराधिक तत्व रात के दौरान अधिक सक्रिय होते हैं और हत्या, चोरी, डकैती और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसी घटनाओं का सार्वजनिक चेतना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में सर्कुलर में कहा गया है कि रात के समय पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग की जाए जिससे लोग महफूज महसूस करें।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अंधेरी रातों के दौरान कड़ी निगरानी और अपराधों पर कड़ी नजर रखना एक सदियों पुरानी प्रथा है लेकिन किसी आधिकारिक दस्तावेज पर हिंदू कैलेंडर डालना शायद पहली बार है।
क्या होता है कृष्ण पक्ष?
हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष पूर्णिमा और अमावस्या के बीच के भाग को कहते हैं। पूर्णिमा के अगले दिन कृष्ण पक्ष की शुरुआत होती है जो अमावस्या के दिन तक 15 दिनों तक चलती है।
मान्यता है कि कृष्ण पक्ष में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा के घटते क्रम को इसकी वजह बताया गया है। जैसे-जैसे चंद्रमा पूर्णिमा के बाद घटता है वैसे-वैसे रात के समय अंधेरा ज्यादा होने लगता है और रोशनी कम होने लगती है।