पीलीभीत महिला अस्पताल में एक भी महिला डॉक्टर नहीं, बलात्कार पीड़िताओं ने जांच से किया इनकार

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 30, 2023 02:00 PM2023-09-30T14:00:40+5:302023-09-30T14:01:58+5:30

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिला महिला अस्पताल में एक भी महिला डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। इस साल 1 जून से 28 सितंबर के बीच अस्पताल लाई गई 5 नाबालिगों सहित 79 बलात्कार पीड़िताओं में से 70 ने पुरुष स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा चिकित्सा जांच से इनकार कर दिया।

no women doctors at district hospital UP's Pilibhit rape survivors refuse test | पीलीभीत महिला अस्पताल में एक भी महिला डॉक्टर नहीं, बलात्कार पीड़िताओं ने जांच से किया इनकार

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsउत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिला महिला अस्पताल में एक भी महिला डॉक्टर उपलब्ध नहींबलात्कार पीड़िताएं पुरुष डॉक्टर द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण कराने के लिए मजबूरअधिकांश बलात्कार पीड़िताएं परीक्षण कराने से इनकार कर चुकी हैं

लखनऊ: ये वास्तविकता उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की है। यहां जिला महिला अस्पताल में एक भी महिला डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। इसकी वजह से बलात्कार पीड़िताओं को एक पुरुष डॉक्टर द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक बलात्कार पीड़ित महिला के लिए किसी पुरुष डॉक्टर से परीक्षण कराना कितना मुश्किल हो सकता है। यही कारण है कि यहां आने वाली अधिकांश बलात्कार पीड़िताएं परीक्षण कराने से इनकार कर चुकी हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक  इस साल 1 जून से 28 सितंबर के बीच अस्पताल लाई गई 5 नाबालिगों सहित 79 बलात्कार पीड़िताओं में से 70 ने पुरुष स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा चिकित्सा जांच से इनकार कर दिया।

इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति अस्पताल की महिला चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनीता चौरसिया के 1 मार्च को सेवानिवृत्त होने और एक अन्य स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कमला मिश्रा के 31 मई को सेवानिवृत्त होने के बाद उत्पन्न हुई। अब महिला अस्पताल का प्रबंधन एक पुरुष चिकित्सा अधीक्षक द्वारा किया जा रहा है। फिलहाल अस्पताल में डॉ. राजेश कुमार के अलावा एक पुरुष स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. केके भट्ट तैनात हैं।

टीओआई से बात करते हुए एक नाबालिग पीड़िता की मां ने कहा कि हम एक आदमी को अपनी बेटी की मेडिकल जांच की अनुमति कैसे दे सकते हैं? क्या यह उस पर एक और हमले के समान नहीं होगा? इस 16 वर्षीय लड़की का जून में उसके घर के दरवाजे से एक व्यक्ति ने अपहरण कर लिया था।  उसके साथ एक बगीचे में बलात्कार किया और उसे बेहोशी की हालत में छोड़ दिया।  जब उसे जांच के लिए जिला महिला अस्पताल लाया गया तो वहां कोई महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी इसलिए  उसके माता-पिता ने जांच से मना कर दिया और उसे घर ले आए।

इस बारे में कानून के जानकारों का कहना है कि  सीआरपीसी के प्रावधान के मुताबिक किसी बलात्कार पीड़िता की मेडिकल जांच केवल महिला चिकित्सा अधिकारियों द्वारा की जा सकती है।  पोक्सो अधिनियम की धारा 27 कहती है कि 18 साल से कम उम्र की बलात्कार पीड़िता की जांच केवल एक महिला डॉक्टर द्वारा की जानी चाहिए। इसके बावजूद भी ऐसी स्थिति का होना चिंताजनक है क्योंकि यौन उत्पीड़न अपराधों में आमतौर पर कोई गवाह शामिल नहीं होता है। ऐसे में पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट को अदालती सुनवाई के दौरान उस पर हुए हमले का एकमात्र सबूत माना जाता है।

Web Title: no women doctors at district hospital UP's Pilibhit rape survivors refuse test

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