BSP Mayawati: पारिवारिक विवाद में उलझी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने 72 घंटे के भीतर ही अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया. अब उन्होने सहारनपुर के रहने वाले रणधीर बेनीवाल को नया नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त है. मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर तीन पोस्ट के जरिए अपने इस फैसले की जानकारी दी है.
इसलिए लिया मायावती ने फैसला :
मायावती के इस फैसले पर अब खुल कर चर्चा होने लगी है. यह कहा जा रहा है कि मायावती इस वक्त पारिवारिक विवाद में उलझी हुई हैं. जिसके चलते उन्होने अपने भतीजे के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाला. फिर अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ एक्शन लिया. तो परिवार में उनके फैसलों को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं. आकाश आनंद से लेकर आनंद कुमार तक मायावती के आदेश को मानने से मना करने लगे हैं.
जिसके चलते ही मायावती ने पहले तो अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाया. फिर आकाश आनंद को पार्टी से ही बाहर निकाल दिया. इसके बाद बुधवार को अपने भाई आनंद कुमार जिन्हे उन्होने बीते ही रविवार को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था, उन्हे भी इस पद से हटा दिया. क्योंकि उन्होने पार्टी में एक ही दायित्व संभालने का तर्क दिया.
आनंद कुमार गत रविवार के पहले तह पार्टी में उपाध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे थे, लेकिन जब मायावती ने आकाश आनंद से पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के दायित्व को छीना तो यह ज़िम्मेदारी आनंद कुमार को संभालने की को कहा. चूकि आनंद कुमार अपने बड़े कारोबार को संभालते हैं, ऐसे में उन्होने अपनी बहन मायावती से कहा कि वह पार्टी नेशनल कोऑर्डिनेटर और उपाध्यक्ष के पद का दायित्व संभालने के बजाए एक पद पर ही रहते हुए पार्टी के हित में कार्य करना चाहते हैं.
कहा जा रहा है कि आनंद कुमार ने इस तरह का तर्क देते हुए आनंद कुमार ने मायावती के फैसले को मानने से इंकार किया तो मायावती ने उनके स्थान पर सहारनपुर के रहने वाले रणधीर बेनीवाल को पार्टी का नया नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है. अपने इस फैसले को लेकर मायावती ने कहा कि अब बसपा के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल, दोनों पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में उनके निर्देशन में विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे.
तो अब मायावती फील्ड पर उतरेंगी मायावती :
फिलहाल बुधवार को मायावती द्वारा लिए गए फैसले को लेकर अब यह भी कहा जा रहा है कि पहले अपने भतीजे आकाश आनंद और फिर अपने भाई आनंद कुमार के खिलाफ लिए गए एक्शन से यह साफ हो गया कि मायावती खुद ही पार्टी में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगी.
अब वह पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटेंगी. अभी मायावती ने खुद को रैलियों और सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करने तक सीमित कर रखा था. अब मायावती खुद कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के साथ ही आगामी चुनावी लड़ाई की कमान भी संभालेंगी. इसके लिए वह फील्ड पर भी दिखाई देंगी. बसपा के लगातार घट रहे जनाधार को बढ़ाने का प्रयास करेंगी.