उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे में ड्रोन, यूएवी, और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण होगा, राजनाथ सिंह ने की बड़ी घोषणा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 17, 2023 06:14 PM2023-06-17T18:14:12+5:302023-06-17T18:16:31+5:30

राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि यूपी रक्षा गलियारे में, न केवल नट और बोल्ट या स्पेयर पार्ट्स का निर्माण किया जाएगा, (बल्कि) ड्रोन, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (सिस्टम), विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण और संयोजन किया जाएगा।

Drones and BrahMos missiles will also be manufactured in the UP Defense Industrial Corridor Rajnath Singh | उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे में ड्रोन, यूएवी, और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण होगा, राजनाथ सिंह ने की बड़ी घोषणा

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Highlightsउत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) एक महत्वाकांक्षी परियोजना हैजिसका उद्देश्य विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों की निर्भरता को कम करना हैयूपीडीआईसी में लगभग 2,500 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही किया जा चुका है

नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे रक्षा गलियारे को लेकर बड़ा बयान दिया है।  राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि यूपी रक्षा गलियारे में, न केवल नट और बोल्ट या स्पेयर पार्ट्स का निर्माण किया जाएगा, (बल्कि) ड्रोन, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (सिस्टम), विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण और संयोजन किया जाएगा। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आत्मनिर्भर भारत पर एक कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों की निर्भरता को कम करना है।

रक्षा मंत्री के अनुसार विभिन्न संस्थाओं द्वारा यूपीडीआईसी में लगभग 2,500 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की शुरुआत साल 2018 में की गई थी। यूपीडीआईसी के विकास के लिए छह नोड्स - आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर और लखनऊ की पहचान की गई है। इस कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने देश के लिए आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर भी जोर देते हुए कहा कि यह एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है।

बता दें कि भारत ने पिछले कुछ सालों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए काफी प्रयास किए हैं। इस क्रम में यूपी और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों का निर्माण किया गया है। इन जगहों पर सैन्य जरूरतों के लिए हथियारों के साथ ही वाहनों, और जवानों के लिए उपयोगी साजो सामान का निर्माण भी किया जाएगा।

बता दें कि साल 2020 में चीन के साथ गलवान में हुई झड़प के बाद भारत की तैयारियों में तेजी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून महीने में ही अमेरिका जाने वाले हैं। इस दौरान अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन से जुड़ा बड़ा सौदा हो सकता है। करीब तीन अरब अमेरिकी डॉलर के इस सौदे की घोषणा अगले हफ्ते वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वार्ता के बाद किये जाने की उम्मीद है।

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान लड़ाकू विमान के इंजन से जुड़े समझौते पर भी हस्ताक्षर हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो दुनिया के सबसे घातक हथियार भारत और अमेरिका मिलकर उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे और तमिलनाडु  रक्षा औद्योगिक गलियारे में बनाएंगे।

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