World Heritage Day 2018: देश के इन 5 ऐतिहासिक स्मारकों की जरूर कीजिये सैर
By मेघना वर्मा | Published: April 18, 2018 07:43 AM2018-04-18T07:43:06+5:302018-04-18T11:01:04+5:30
एलिफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में पौराणिक देवताओं की अत्यन्त भव्य मूर्तियों के लिए विख्यात है। इसे भी यूनेस्कों द्वारा भारत के ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल किया गया है।
खूबसूरत नजारे, भव्य महल या ईमारत और पर्यटकों का आकर्षण केंद्र।विश्व ऐतिहासिक धरोहर की यही निशानियां हैं। यूनेस्को की ओर से हर साल 18 अप्रैल को 'विश्व धरोहर दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर की स्मारकों और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के लिए खास होता है। हर साल इस अवसर पर एक थीम बनायी जाती है और इस साल की थीम है दीर्घकालिक पर्यटन (सस्टेनेबल टूरिज्म) है। यह दिन दुनिया भर के स्मारकों और एतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के लिए खास होता है। हर साल इस अवसर पर एक थीम बनायी जाती है। जिसपर सभी देश मिलकर कम करते हैं।
क्या है विश्व धरोहर स्थल
विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के स्थल होते हैं। ये वो जगहें होती हैं जो ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होते हैं। इनका अंतरराष्ट्रीय महत्व होता और इन्हें बचाए रखने के लिए खास कदम उठाए जाने की जरूरत होती है। ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है। कोई भी स्थल जिसे यूनेस्को समझता है कि यह मानवता के लिए जरूरी है। वहां का सांस्कृतिक और भौतिक महत्व है, उसे विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी जाती है।
देश और दुनिया में कितने हैं ऐतिहासिक धरोहर
नियाभर में कुल 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें से 814 सांस्कृति, 203 प्राकृतिक और 35 मिश्रित हैं। भारत में फिलहाल 27 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित सहित कुल 35 विश्व धरोहर स्थल हैं। इसमें आगरा का किला, अजंता की गुफाएं , नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय), बिहार , सांची बौद्ध स्मारक , चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस), गोवा के चर्च और कॉन्वेंट्स , एलिफेंटा की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, फतेहपुर सीकरी , ग्रेट लिविंग चोल मंदिर, हम्पी में स्मारकों का समूह, महाबलिपुरम में स्मारक समूह, पट्टडकल में स्मारक समूह, राजस्थान में पहाड़ी किला , हुमायूं का मकबरा, दिल्ली , खजुराहो में स्मारकों का समूह, बोध गया में महाबोधि मंदिर परिसर , माउंटेन रेलवे ऑफ इंडिया, कुतुब मीनार, रानी-की-वाव पाटन, गुजरात, लाल किला परिसर, भीमबेटका के रॉक शेल्टर, सूर्य मंदिर, कोर्णाकताज महल , ला कॉर्ब्युएर का वास्तुकला कार्य, जंतर मंतर, जयपुर आदि है वहीं प्राकृतिक धरोहर स्थल में हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान संरक्षण क्षेत्र , काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, केओलादेओ नेशनल पार्क, मानस वन्यजीव अभयारण्य, नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान , सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान , पश्चिमी घाट आदि हैं।
इन 5 धरोहरों का जरूर करें सफर
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1. ताज महल
आगरा में बने प्यार की निशानी ताज महल को ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया में भी इसकी खूबसूरती के लिए सराहा जाता है।दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताज महल को यूनेस्कों ने ऐतिहासिक धरोहर के रूप में दर्ज कराया था।संगमरमर के पत्थरों पर बारीक नक्काशी के अलावा कीमती पत्थरों की पच्चीकारी लोगों का बरबस ध्यान खींच लेती है। लाजावर्द, स्फटिक, मोती, गोमेद और पन्ना से खूबसूरत बेल-बूटे और ज्यामितीय डिज़ाइन उकेरी गई हैं। यमुना किनारे बने इस सम्मोहक मकबरे का निर्माण 1631 में शुरू हुआ। लगभग 20 हजार मज़दूरों ने दिन रात मेहनत करते हुए इसे पूरा करने में 22 साल लगाए।
2. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस)
सपनों के शहर मुंबई में देश के कुछ चर्चित ऐतिहासिक इमारतों में से एक छत्रपति शिवाजी टर्मिनस शामिल है।इस इमारत का डिजाइन विक्टोरिया और मुगलकालीन आर्किटेक्टर से प्रभावित है। ये बना था साल 1887 में। छत्रपति शिवाजी ट्रमिनल को देश के सबसे बिजी रेलवे स्टेशनों में से एक माना जाता है। यहां से लंबी दूरी की और मुंबई में ही चलने वाली रेलें चलती हैं। यह स्टेशन अपनी उन्नत संरचना व तकनीकी विशेषताओं के साथ, उन्नीसवीं शताब्दी के रेलवे स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में पत्थर के गुम्बद, कंगूरे, नोंकदार महराब और संकेन्द्रित भूमि योजना पारम्परिक भारतीय महलों की वास्तुकला के नज़दीक है।
3. एलिफेंटा की गुफाएं
एलिफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में पौराणिक देवताओं की अत्यन्त भव्य मूर्तियों के लिए विख्यात है। इसे भी यूनेस्कों द्वारा भारत के ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल किया गया है। इन गुफाओं की मूर्तियों में त्रिमूर्ति शिव की मूर्ति सर्वाधिक लोकप्रिय है। ये गुफाएं मुंबई से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां जाने के लिए आपको समुद्र से जहाज के माध्यम से जाना होगा।एलिफेंटा की गुफाएं मुम्बई महानगर के पास स्थित पर्यटकों का एक बड़ा आकर्षण केन्द्र हैं। एलिफेंटा की गुफाएं 7 गुफ़ाओं का सम्मिश्रण हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है महेश मूर्ति गुफ़ा। एलिफेन्टा के गुहा मन्दिर राष्ट्रकूटों के समय में बने। एलिफेन्टा की पहाड़ी में शैलोत्कीर्ण करके उमा महेश गुहा मन्दिर का निर्माण लगभग 8वीं शताब्दी में किया गया।
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4. हुमायूं का मकबरा, दिल्ली
मुगल सम्राट हुमायूं का मकबरा दिल्ली के प्रसिद्ध पुराने किले के पास स्थित है। इस मकबरे को हुमायूं की याद में उनकी पत्नी हामिदा बानो बेगम द्वारा ने सन् 1562 में बनवाना शुरू किया था जबकि संरचना का डिज़ाइन मीरक मिर्ज़ा घीयथ नामक पारसी वास्तुकार ने बनाया था। मकबरे को हुमायूं की मृत्यु के नौ साल बाद बनवाया गया था। दिल्ली का हुमायूं का मकबरा लोधी रोड और मथुरा रोड के बीच पूर्वी निज़ामुद्दीन के इलाके में स्थित एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है और 1993 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया गया तथा भारत में मुगल स्थापत्य कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
5. सूर्य मंदिर, कोर्णाक
कोणार्क का सूर्य मंदिर भारत के उड़ीसा राज्य के पुरी ज़िले के कोणार्क नामक क़स्बे में स्थित है। सूर्य मंदिर अपने निर्माण के 750 साल बाद भी अपनी अद्वितीयता, विशालता व कलात्मक भव्यता से हर किसी को निरुत्तर कर देता है। वास्तव में जिसे हम कोणार्क के सूर्य मन्दिर के रूप में पहचानते हैं, वह पार्श्व में बने उस सूर्य मन्दिर का जगमोहन या महामण्डप है, जो कि बहुत पहले ध्वस्त हो चुका है।
कोणार्क का सूर्य मंदिर को अंग्रेज़ी में ब्लैक पैगोडा भी कहा जाता है।