इस राज्य पर था 5 मुस्लिम शासकों का दबदबा, यहां मौजूद है देश का सबसे रईस मंदिर

By मेघना वर्मा | Published: March 9, 2018 01:24 PM2018-03-09T13:24:15+5:302018-03-09T13:24:15+5:30

ओडिशा के इस मंदिर को भारत के दस अमीर मंदिरों में से एक बताया जाता है। हर साल करोड़ों रूपए का चढ़ावा चढ़ता है यहां। 

Tourism in Odisha its history and best places to visit | इस राज्य पर था 5 मुस्लिम शासकों का दबदबा, यहां मौजूद है देश का सबसे रईस मंदिर

इस राज्य पर था 5 मुस्लिम शासकों का दबदबा, यहां मौजूद है देश का सबसे रईस मंदिर

अपनी संस्कृति और परम्पराओं के साथ देश के सबसे बड़े युद्ध 'कलिंग युद्ध' के लिए जाना जाता है दक्षिण भारत का ओडिशा राज्य। आज यह राज्य देश-सुनिया से भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। भारत का प्राचीन इतिहास अभी भी यहां के मंदिरों, चैत्य और स्तूपों से प्रकट होता है। दो हजार साल पुरानी समृद्ध विरासत, राज्य मौर्य साम्राज्य से लेकर अब तक के सुनहरे इतिहास की झांकी पेश करता ओडिशा अपने अंदर इतिहास के बहुत सारे राज छुपाये हुए हैं। इसी इतिहास और परम्पराओं को लेकर राजधानी दिल्ली में आज से शरू हो रहा है ओडिशा पर्व। 9 से 11 मार्च तक चलने वाले इस पर्व में ओडिशा की कला और संस्कृति देखने को मिलेगी। 

बदलता रहा है ओडिशा का इतिहास

तीसरी शताब्दी (261 ई. पू.) में मौर्य सम्राट अशोक ने कलिंग को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया था। दूसरी शताब्दी में ओडिशा खारवेल के अधिकार में एक शक्तिशाली राज्य बना था। चौथी शताब्दी में समुद्रगुप्त ने वहां के पांच राजाओं को हराकर उसे अपने प्रभाव में ले लिया। 610 ई. में ओडिशा शशांक के अधिकार में आया गया, शशांक की मृत्यु के बाद राज्य पर कन्नौज के पुष्यभूमि वंशीय शासक हर्षवर्धन ने विजय प्राप्त की। सातवीं शताब्दी में ओडिशा में स्वतंत्र गंग वंश के राजा हुए । इसी वंश का शासक, नरसिंह वर्मन कोर्णाक में सूर्य मंदिर बनवाने के लिए विख्यात है, चौदहवीं शताब्दी से 1952 ई. तक उड़ीसा पर 5 मुसल्मान राजाओं का राज जा रहा है।

मुगलों के शासन की महत्ता कम होने के बाद मराठों ने ओडिशा पर अधिकार कर लिया। वे उस पर 1803 ई. तक राज करते रहें, जब तक कि अंग्रेजों ने उसे अपने अधिकार में नहीं ले लिया, ब्रिटिश काल में 1 अप्रैल 1936 ई. में ओडिशा एक अलग प्रांत बना दिया गया। 

वास्तुकला का देती है प्रदर्शन

ओडिशा में स्थित खूबसूरत कोणार्क स्वर्ण मंदिर, प्राचीन भारतीय वास्तुकला का मजबूत उदाहरण देता है। भुवनेश्वर और पुरी में कई मंदिर हैं, जो आपको अपनी प्राचीन वास्तु और शिल्प कला के चलते अपना दीवाना बना देंगे। आप चांदीपुर और गोपालपुर के समुद्र तट पर घूमने का प्लान भी बना सकते हैं। यहां के नंदनकानन में आप सफेद बाघ भी देख सकते हैं। सिर्फ यही नहीं ओडिशा की यात्रा आपको और भी बहुत से खूबसूरत और रोमांचक अनुभव देंगे।

12 साल में बनकर तैयार हुआ था सूर्य मंदिर

कोणार्क का यह मंदिर भारत का इकलौता सूर्य मंदिर है, जो प्राचीन ओडिशा स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण है। स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर के मंडप में चुंबकीय शक्ति थी, जिसके कारण समुद्री पोत दुर्घटनाग्रस्त होने लगे और मंडप के चुंबकीय भाग को हटा लिया गया। इसी कारण इस मंदिर को ब्लैक पैगोडा भी कहा जाता है। इसके निर्माण में 1200 शिल्पियों ने 12 साल तक काम किया। 

ओडिशा के कोणार्क में रथ के आकार में बनाया गया यह खूबसूरत मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। इस सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था। मंदिर अपने विशिष्ट आकार और शिल्पकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। हिन्दू मान्यता के अनुसार सूर्य देवता के रथ में 12 पहिए हैं और रथ को खींचने के लिए उसमें 7 घोड़े हैं। रथ के आकार में बने कोणार्क के इस मंदिर में भी पत्थर के पहिए और घोड़े बनाए गए हैं। यहां की सूर्य प्रतिमा पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षित रखी गई है और अब यहां कोई भी मूर्ति नहीं है। 

ये भी पढ़ें: यहां स्थित है माता सीता की रसोई, चूल्हे और चिमटे के साथ रखा है किचन का सामन

जगरनाथ पुरी दर्शन से चार धाम की भी यात्रा होगी पूरी

पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिन्दू मंदिर है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। यह ओडिशा के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। इस मंदिर को हिन्दुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है। पुरी जगन्नाथ मंदिर को भारत के दस अमीर मंदिरों में से एक गिना जाता है। हर साल करोड़ों रूपए का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। मंदिर के लिए जो भी दान आता है। वह मंदिर की व्यवस्था और सामाजिक कामों में खर्च किया जाता है। 

आप भी छुट्टियों में अपने परिवार के साथ ओडिशा की सैर पर जा सकते हैं। यहां आपको घूमने के साथ सुकून की प्राप्ति भी होगी, आप आध्यात्मिक रूप से इस जगह से जुड़ पाएंगे। 

(फोटो- विकिपीडिया)

Web Title: Tourism in Odisha its history and best places to visit

मुसाफ़िर से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Odishaओड़िसा