किताबों से है प्यार तो जरूर जाएं देश की इन 5 अनोखी लाइब्रेरी में, केले के पत्तों पर पढ़ने मिलेगें प्रचीन दस्तावेज

By मेघना वर्मा | Published: June 23, 2018 11:37 AM2018-06-23T11:37:34+5:302018-06-23T11:37:34+5:30

2010 में खुली इस लाइब्रेरी को देश के बड़ी लाइब्रेरी में गिना जाता है। इस लाइब्रेरी में आपको 5 लाख से ज्यादा किताबें पढ़ने को मिलेंगी।

to 5 libraries of india where you should must visit | किताबों से है प्यार तो जरूर जाएं देश की इन 5 अनोखी लाइब्रेरी में, केले के पत्तों पर पढ़ने मिलेगें प्रचीन दस्तावेज

किताबों से है प्यार तो जरूर जाएं देश की इन 5 अनोखी लाइब्रेरी में, केले के पत्तों पर पढ़ने मिलेगें प्रचीन दस्तावेज

कहते हैं किताबें सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। बिना किसी डिमांड के वो सिर्फ साथ देती हैं। किंडल के इस जमाने में वैसे तो लोग आज अपने मोबाइल में ही किताबें पढ़ लेते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो आज भी लाइब्रेरी जाकर किताबें पढ़ते हैं। कुछ किताबें ऐसी भी हैं जो आपको सिर्फ लाइब्रेरी में ही पढ़ने को मिल सकती हैं। तो अगर आप भी किताब पढ़ने के शौकीन है और लाइब्रेरी में जाकर किताब पढ़ना पसंद करते हैं तो देश की सबसे बढ़ी लाइब्रेरी में आपको जरूर आना चाहिए। 

1. द नेशनल लाइब्ररी ऑफ इंडिया, कोलकाता

देश की सबसे बड़ी लाइब्रेरी द नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया को वॉलयुम के मामले में स्टोरेज के मामले में सबसे बड़ी बताई जाती है। 1836 में बनाई गई इस लाइब्रेरी में आपको एक साथ साढ़े 26 लाख से भी ज्यादा किताबें मिल जाएंगी। जिनमें पुराने दस्तावेजों से लेकर मैप और कई पाठन साम्रगी होगी। 30 एकड़ में बनी इस लाइब्रेरी की खूबसूरती देखने भी लोग देश-विदेश से आते हैं। सन् 1953 में इस लाइब्रेरी को आम जनता के लिए खोला गया था। 

2. दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्ली

यूनेस्को की ओर से सन् 1951 में इसे शुरू किया गया था। साउथ एशिया की सबसे व्यस्त लाइब्रेरी में से एक है। आप इसमें हिन्दी, उर्दू सहित पंजाबी, अंग्रेजी और भी बहुत सी भाषाओं में 18 लाख किताबों को पढ़ सकते हैं। 1954 की धारा के अंदर इस लाइब्रेरी को पब्लिक लाइब्रेरी के अंदर रखा गया है। तो बस अगली बार जब भी दिल्ली जाना हो तो सबसे वयस्त लाइब्रेरी में जाना ना भूलें। 

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3. सरस्वती लाइब्रेरी, तमिलनाडू

प्राचीन लेखों को पढ़ने का शोक है तो आप तमिलनाडू की सरस्वती लाइब्रेरी का रूख कर सकते हैं। थनजूर पैलेस के कैंपस में बनी इस लाइब्रेरी आपको पुराने पत्तों पर लिखे हुए दस्तावेज भी पढ़ने को मिल सकते हैं जिन्हें कई भाषाओं में लिखा गया है। 1918 के बाद इसे तमिलनाडू सरकार के नेतृत्व में रखा गया। इस लाइब्रेरी की खास बात यह है कि इन सभी दस्तावेजों को यहां माइक्रोफिल्म्स के रूप में रखा गया है। 

4. अन्ना सेंटरी लाइब्रेरी, चेन्नई

2010 में खुली इस लाइब्रेरी को देश के बड़ी लाइब्रेरी में गिना जाता है। इस लाइब्रेरी में आपको 5 लाख से ज्यादा किताबें पढ़ने को मिलेंगी। इसकी खास बात यह है कि यहां ब्रेनलिपी की भी किताबें रखी हुई हैं जहां ब्लाइंड रीडर्स को बिठाया जाता है। इसके साथ ही समय-समय पर यहां पाठन से जुड़े कई कार्यकर्म का भी आयोजन करवाया जाता है जिसके लिए एक साथ 150 लोगों की क्षमता वाले हॉल का भी निर्माण करवाया गया है। 

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5. कृष्णादास सेंट्रल लाइब्रेरी, गोवा

गोवा सिर्फ पार्टी ही नहीं पाठन के लिए भी जाना जाता है। देश की कुछ बड़ी लाइब्रेरी में गोवा की कृष्णादास लाइब्रेरी का नाम भी शामिल है। 1832 में बनी इस लाइब्रेरी को पुर्तगाल के लोगों नें पब्लिक लाइब्रेरी की तरह स्थापित किया था। भारत में इसे 1897 में नेशनल लाइब्रेरी घोषित किया गया। यहां आप एक साथ 40 हजार किताबों को पढ़ सकते हैं।   

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