चिलचिलाती गर्मी से पाना चाहते हैं राहत तो राजस्थान की ये जगह है बेस्ट, ट्रैवेल पैकेज भी है उपलब्ध
By मेघना वर्मा | Published: April 24, 2018 09:50 AM2018-04-24T09:50:37+5:302018-04-24T09:59:49+5:30
नक्की झील से कुछ दूरी पर ही स्थित टॉड रॉक चट्टान है जिसकी आकृति मेढक की है जो सैलानियों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है।
गर्मियां और गर्मियों की छुट्टियाँ दोनों ही सर पर हैं ऐसे में बहुत से लोग ऐसे होंगे जो किसी ठन्डे जगह की ट्रिप का प्लान बना चुके होंगे। गर्मियों में अक्सर लोग भारत की ठंडी जगह जैसे शिमला या कुल्लू मनाली जाना पसंद करते हैं लेकिन आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं उसे राजस्थान का सबसे ठंडा क्षेत्र भी कहा जाता है।आप अगर चिलचिलाती धुप से बचना चाहते हैं तो आप राजस्थान के नीलगिरी पर्वत का ट्रिप प्लान कर सकते हैं। समुद्र तल से 1220मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है।नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से अलग और बेहद खूबसूरत है। माउंट आबू हिन्दु और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है.
कौन- कौन से हैं दर्शनीय स्थल
नक्की झील
राजस्थान के माउंट आबू में 3937 फुट की ऊंचाई पर स्थित नक्की झील लगभग ढाई किलोमीटर के दायरे में बनी है, यहां आप बोटिंग करने का लुत्फ उठा सकते हैं।यहां की हरीभरी वादियां, खजूर के वृक्षों की कतारें, पहाडि़यों से घिरी झील और झील के बीच आईलैंड, कुल मिलाकर देखें तो सारा दृश्य बहुत ही मनमोहक है। इस झील में पर्यटकों के नाव चलाने की भी वयवस्था है जो माउंट आबू की सुंदरता में चार चांद लगा देती है।
सनसेट प्वाइंट
सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा, ढलते सूरज की सुनहरा गाढ़ा रंग देखना हो तो नीलगिरी का पर्वत आपका इन्तजार कर रहा है। यहां डूबता सूरज किसी बॉल की तरह लटकते हुए दिखता है।हजारों लोग रोज शाम ढलते सूरज का ये मनोहर दृश्य देखने आते है।
हनीमून प्वाइंट
सनसेट प्वाइंट से दो किलोमीटर दूर पर बने हनीमून पॉइंट पर आपको कई लव कपल देखने को मिल जाएंगे। सिर्फ नए ही नहीं बल्कि पुराने शादी के जोड़े भी यहां आकर एक-दूसरे के और करीब आ जाते हैं। शाम के वक्त यहां लोगों का हुजूम यहां उमड़ पड़ता है, यह आंद्रा प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है। हनीमून प्वाइंट पर हरे भरे मैदान और घाटियों के विहंगम दृश्य लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। घाटी के इस दृश्य देखकर लोग यहां से हिलना भी पसंद नहीं करते।
टॉड रॉक
नक्की झील से कुछ दूरी पर ही स्थित टॉड रॉक चट्टान है जिसकी आकृति मेढक की है जो सैलानियों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है।आप यहां अपने परिवार के साथ पिकनिक की प्लानिंग कर सकते हैं।
म्यूजियम और आर्ट गैलरी
राज भवन परिसर में 1962 में गवर्नमेंट म्यूजियम स्थापित किया गया है, ताकि इस इलाके की पुरातात्विक संपदा को संरक्षित किया जा सके।यहां कांसे और पीतल पर नक्काशी के काम देखने लायक हैं।
वन्यजीव अभयारण्य
राज्य सरकार द्वारा 228 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य वर्ष 1960 में घोषित किया गया था। इस अभयारण्य में वानस्पतिक विविधता, वन्यजीव, स्थानीय व प्रवासी पक्षी आदि देखे जा सकते हैं। दिलवाड़ा के पास ऊंचाई पर स्थित बेलनाकार निरीक्षण स्थल से माउंट आबू का दृश्य और सालगॉव निर्मित वाच-टावर से वन्यप्राणी देखे जा सकते हैं।
राजभवन
माउंट आबू, राजस्थान के महामहिम राज्यपाल का ग्रीष्मकालीन मुख्यालय भी है। प्रति वर्ष गर्मियां शुरू होने के बाद कुछ समय के लिए (एक-दो माह) माउंट आबू राज्यपाल का ग्रीष्मकालीन कैंप बन जाता है। राजभवन में स्थित ‘कला दीर्घा’ दर्शनीय है।
IRCTC ने शुरू किया है नीलगिरी पर्वत का पैकेज
राज्य सरकारें राज्य के पर्यटन को बढ़ाने के लिए लगातार की कदम उठा रही हैं।ऐसे में आईआरसीटीसी ने भी पर्यटन को बढ़ाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है।पर्वतीय रेलों में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी ने यह आकर्षक पैकेज शुरू किया है। यह आकर्षक पैकेज आईआरसीटीसी ने हाल ही में नीलगिरि के पर्वतों के लिए शुरू किया है। इस रेलवे लाइन को ब्रिटिश राज्य में 1908 में बनवाया गया था। यह ही भारत में केवल एक रेलवे ट्रैक है। इस बार आईआरसीटीसी ने नीलगिरि की पहाड़ियों की सुंदरता को निहारने के लिए चार अलग पैकेज शुरू किए हैं। इन चार पैकेज में नीलगिरि पहाड़ियों से कुन्नूर, ऊटी और ऊटी मदुमलई तक का रेलवे सफर शामिल है। यह चार दिन का सफर चेन्नई से शुरू होता है। दो लोगों के लिए इस पैकेज का खर्चा 8,000 रुपये और तीन लोगों के लिए 6,100 रुपये का खर्चा पड़ेगा।